नीतिगत दरों में हो सकती है और कटौती
आर्थिक विकास को रफ्तार देने के लिए रिजर्व बैंक इस सप्ताह नीतिगत दरों में चौथाई फीसद की और कटौती कर सकता है। इसकी उम्मीद इसलिए भी प्रबल है क्योंकि महंगाई की दर नियंत्रण में है और कोल इंडिया के रिकॉर्ड विनिवेश से राजकोषीय स्थिति बेहतर दिख रही है। केंद्रीय बैंक
नई दिल्ली। आर्थिक विकास को रफ्तार देने के लिए रिजर्व बैंक इस सप्ताह नीतिगत दरों में चौथाई फीसद की और कटौती कर सकता है। इसकी उम्मीद इसलिए भी प्रबल है क्योंकि महंगाई की दर नियंत्रण में है और कोल इंडिया के रिकॉर्ड विनिवेश से राजकोषीय स्थिति बेहतर दिख रही है। केंद्रीय बैंक अपनी छठी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा तीन फरवरी को पेश करेगा।
रिजर्व बैंक ने पिछले महीने रेपो दर में 0.25 फीसद की कटौती कर बाजार को सुखद आश्चर्य में डाल दिया था। बीस माह तक सख्त रुख अपनाने के बाद केंद्रीय बैंक ने पहली बार रुख को नरम किया। बैंकरों व अर्थशास्ति्रयों के अनुसार खुदरा और थोक मुद्रास्फीति की दर के नीचे आने से रिजर्व बैंक के पास ब्याज दरों में और कमी की गुंजाइश बनी है। कोल इंडिया में विनिवेश के जरिये सरकार के खजाने में 22,577 करोड़ रुपये आए हैं। इससे राजकोषीय मोर्चे पर चिंता कम हुई है। रिजर्व बैंक ने पिछले माह रेपो दर को आठ से घटाकर 7.75 फीसद करते हुए कहा था कि ब्याज दरों में और कटौती मुद्रास्फीति के रुख और राजकोषीय स्थिति पर निर्भर करेगी। जबकि खुदरा महंगाई की दर दिसंबर में घटकर पांच फीसद पर पहुंच गई है, वहीं थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित महंगाई की दर शून्य के आसपास बनी हुई है। अधिक विनिवेश के साथ सरकार की राजकोषीय स्थिति के और सुधरने की उम्मीद है। चालू वित्त वर्ष में सरकार ने विनिवेश से 43,425 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा है।
ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स के प्रमुख अनिमेष चौहान ने कहा कि अधिकांश व्यापक आर्थिक संकेतक ब्याज दरों में कटौती के पक्ष में हैं। उन्हें उम्मीद है कि रिजर्व बैंक के गवर्नर तीन फरवरी को ब्याज दरों में चौथाई फीसद की और कटौती कर सकते हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की आइएफसीआइ केएमडी मलय मुखर्जी ने कहा, 'रिजर्व बैंक की ओर से ब्याज दरों में कटौती को लेकर व्यापक उम्मीदें जताई जा रही हैं। रिजर्व बैंक के पास सभी आंकडे़ हैं। वह उन्हीं के अनुरूप फैसला लेगा।
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