पहली मौद्रिक समीक्षा से पहले जेटली से मिले उर्जित पटेल
आरबीआई के नए गवर्नर उर्जित पटेल 4 अक्टूबर को पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक में हिस्सा लेंगे। अपनी पहली मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों में फैसला लेने से पहले उर्जित पटेल ने आज केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की।
नई दिल्ली: आरबीआई के नए गवर्नर उर्जित पटेल 4 अक्टूबर को पहली मौद्रिक समीक्षा बैठक में हिस्सा लेंगे। अपनी पहली मौद्रिक समीक्षा में ब्याज दरों में फैसला लेने से पहले उर्जित पटेल ने आज केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की। हालांकि पटेल ने इस मुलाकात पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी। इसे वित्त मंत्री के साथ पूर्व मौद्रिक नीति बैठक माना जा रहा है। गौरतलब है कि उर्जित पटेल ने बीते 4 सितंबर को ही आरबीआई गवर्नर के तौर पर रघुराम राजन की जगह ली है।
इस बैठक के निहितार्थ निकालने से पहले हमें यह भी ध्यान रखना होगा कि ब्याज दरों पर फैसला लेने के लिए सरकार पहले ही तीन सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) का गठन कर चुकी है। हालांकि अभी तक यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं है कि मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) आगामी 4 अक्टूबर को ब्याज दरों पर फैसला करेगी, जो कि सरकार की ओर से नामित किए गए तीन स्वतंत्र अर्थशास्त्रियों की तरफ से सतर्कता संबंधी मंजूरी के कारण लंबित है।
इन तीनों को किया गया नियुक्त:
नए आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति में जिन लोगों को नियुक्त किया है उनमें भारतीय सांख्यिकी संस्थान के प्रोफेसर चेतन घाटे, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के निदेशक पमी दुआ और आईआईएम अहमदाबाद के प्रोफेसर रवींद्र एच ढोलकिया का नाम शामिल है।
कितने सालों के लिए हुई नियुक्ति:
एक सरकारी नोटिस के अनुसार मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (एसीसी) इन तीनों विशेषज्ञों के नाम मौद्रिक नीति समिति के सदस्य के तौर पर चुने हैं, जो चार साल तक अपनी सेवाएं देंगे। वहीं आरबीआई के नामित सदस्यों में डिप्टी गवर्नर और केंद्रीय बैंक का एक और प्रतिनिधि शामिल होगा। घाटे में पांच सदस्यीय तकनीकी सलाहकार समिति का हिस्सा थे जो प्रत्येक मौद्रिक समीक्षा से पहले आरबीआई गवर्नर को ब्याज दरों पर सलाह प्रदान करते थे।