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निजी क्षेत्र की उत्पादन वृद्घि घटी, मांग घटने का संकेत

सितंबर में निक्केई इंडिया मिश्रित पीएमआई उत्पादन सूचकांक घटकर 51.5 पर आ गया।

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Published: Tue, 06 Oct 2015 03:31 PM (IST)Updated: Tue, 06 Oct 2015 03:33 PM (IST)
निजी क्षेत्र की उत्पादन वृद्घि घटी, मांग घटने का संकेत

मुंबई। सितंबर के दौरान निजी क्षेत्र के उत्पादन वृद्घि में गिरावट आई। मांग कम रहने के कारण देश के मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में नरमी रही। निक्केई की मासिक सर्वे रिपोर्ट में ये बातें कही गई हैं।

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निक्केई इंडिया मिश्रित पीएमआई उत्पादन सूचकांक सितंबर में घटकर 51.5 पर आ गया, जो अगस्त में 52.6 के स्तर पर था। यह ग्रोथ घटने का संकेत देता है। यह कंपनियों के बीच सर्वे पर आधारित मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर की स्थिति का मिश्रित आकलन करने वाला सूचकांक है।

निक्केई कारोबारी गतिविधि सूचकांक भी सितंबर में घटकर 51.3 पर आ गया, जो अगस्त में 51.8 पर था। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक मुश्किल आर्थिक हालात की वजह से ग्रोथ प्रभावित हुई है। सूचकांक का 50 से नीचे रहना संकुचन और इससे ऊपर रहना वृद्घि का संकेतक है।

रिपोर्ट तैयार करने वाली संस्था मार्किट की अर्थशास्त्री पॉलियाना डी. लीमा ने कहा, 'भारत की अर्थव्यवस्था ने सितंबर में रफ्तार खो दी क्योंकि मैन्युफैक्चरिंग और सेक्टर, दोनों में नरमी आई। निजी क्षेत्र के उत्पादन में नरमी से देशभर में मांग घटने का संकेत मिलता है।'

मुंबई। सितंबर के दौरान निजी क्षेत्र के उत्पादन वृद्घि में गिरावट आई। मांग कम रहने के कारण देश के मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर में नरमी रही। निक्केई की मासिक सर्वे रिपोर्ट में ये बातें कही गई हैं।

निक्केई इंडिया मिश्रित पीएमआई उत्पादन सूचकांक सितंबर में घटकर 51.5 पर आ गया, जो अगस्त में 52.6 के स्तर पर था। यह ग्रोथ घटने का संकेत देता है। यह कंपनियों के बीच सर्वे पर आधारित मैन्युफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर की स्थिति का मिश्रित आकलन करने वाला सूचकांक है।

निक्केई कारोबारी गतिविधि सूचकांक भी सितंबर में घटकर 51.3 पर आ गया, जो अगस्त में 51.8 पर था। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक मुश्किल आर्थिक हालात की वजह से ग्रोथ प्रभावित हुई है। सूचकांक का 50 से नीचे रहना संकुचन और इससे ऊपर रहना वृद्घि का संकेतक है।

रिपोर्ट तैयार करने वाली संस्था मार्किट की अर्थशास्त्री पॉलियाना डी. लीमा ने कहा, 'भारत की अर्थव्यवस्था ने सितंबर में रफ्तार खो दी क्योंकि मैन्युफैक्चरिंग और सेक्टर, दोनों में नरमी आई। निजी क्षेत्र के उत्पादन में नरमी से देशभर में मांग घटने का संकेत मिलता है।'


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