आर्थिक तेजी 2012-13 में लौटेगी: प्रणब
केद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को कहा कि सरकार देश को विकास पथ पर फिर से आगे बढ़ाने के लिए जरूरी कदम उठा रही है और देश की अर्थव्यवस्था मे कारोबारी साल 2012-13 मे ही तेजी वापस आ जाएगी।
नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने सोमवार को कहा कि सरकार देश को विकास पथ पर फिर से आगे बढ़ाने के लिए जरूरी कदम उठा रही है और देश की अर्थव्यवस्था में कारोबारी साल 2012-13 में ही तेजी वापस आ जाएगी।
मुखर्जी ने यहां आयकर के मुख्य आयुक्तों तथा महानिदेशकों के सलाना सम्मेलन में कहा, 'मैं इसी वर्ष तेजी आने की उम्मीद कर रहा हूं।'
उन्होंने कहा, 'हम आर्थिक विकास दर बढ़ाने के लिए सभी कदम उठा रहे हैं।'
उन्होंने कहा कि ब्याज दरों में गिरावट शुरू होने, कच्चे तेल की कीमत घटने और सामान्य मानसून के कारण आर्थिक स्थिति बेहतर होने की सम्भावना है और आर्थिक सुस्ती उतनी भयावह नहीं होगी, जितने का डर जताया जा रहा है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस कारोबारी साल में विकास दर सात फीसदी के आस पास होगी।
वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि प्रत्यक्ष कर संहिता [डीटीसी] विधेयक को मध्य जुलाई से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र में पेश किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, 'मुझे उम्मीद है कि डीटीसी अप्रैल 2013 से प्रभावी हो जाएगी।'
उन्होंने साथ ही कहा कि विकास के लिए कर वसूली बढ़ाए जाने की जरूरत है।
कर-जीडीपी का अनुपात 2007-08 में 12 फीसदी था, जो 2011-12 में यह 10.5 फीसदी हो गया।
वर्ष 2012-13 के लिए आय कर वसूली का लक्ष्य 5,710 अरब रुपये रखा गया है।
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