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8 फीसदी का आंकड़ा पार कर सकती है भारत की ग्रोथ रेट: अरविंद पनगढि़या

साल 2016-17 की आने वाली तिमाहियों में भारत की ग्रोथ रेट 8 फीसदी से ऊपर रह सकती है। यह अनुमान नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढि़या ने लगाया है

By Surbhi JainEdited By: Published: Mon, 26 Sep 2016 12:50 PM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2016 04:15 PM (IST)
8 फीसदी का आंकड़ा पार कर सकती है भारत की ग्रोथ रेट: अरविंद पनगढि़या

नई दिल्ली। साल 2016-17 की आने वाली तिमाहियों में भारत की ग्रोथ रेट 8 फीसदी से ऊपर रह सकती है। यह अनुमान नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढि़या ने लगाया है। दरअसल ऐसा बेहतर मानसून, तेज सुधार और केंद्र में समय से निर्णय होने की प्रवृत्ति से संभव हो सकेगा।

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अरविंद पनगढि़या ने कहा, “मुझे पूरा भरोसा है कि जीडीपी के आंकड़े आने वाली तिमाहियों के दौरान 8 फीसदी की दर को पार कर सकते हैं। ऐसा सुधारों के चलते संभव होगा। इसके अलावा मानसून भी बेहतर रहा है। हमें अभी तक सुधारों का असर नहीं दिखा है। इससे पहले राजकाज संचालन के मामले में भी गंभीर मुद्दे थे। परियोजनाओं पर काम रका हुआ था। केंद्र में फैसले नहीं हो रहे थे।”

अर्थव्यवस्था पकड़ेगी रफ्तार

चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल से जून) के दौरान खनन, निर्माण और कृषि क्षेत्र ने कमजोर प्रदर्शन किया है। इस कारण देश की आर्थिक ग्रोथ छह तिमाहियों में सबसे कम 7.1 फीसदी पर पहुंच गई है। बीते वर्ष की आखिरी तिमाही (जनवरी से मार्च) के दौरान आर्थिक ग्रोथ 7.9 फीसदी रही थी। पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आर्थिक ग्रोथ 7.5 फीसदी रही थी। पनगढि़या ने माना है कि पहली तिमाही में 7.1 फीसदी ग्रोथ कुछ कम रही है।

पनगढि़या ने कहा, अप्रैल से जून की जीडीपी ग्रोथ मेरी उम्मीदों से कुछ कम रही है। पहली तिमाही के आंकड़ों में अच्छे मानसून का प्रभाव शामिल नहीं है।

खाद्यान्न उत्पादन

इस साल खरीफ सीजन के दौरान खाद्यान्न उत्पादन 9 फीसदी रहने का अनुमान है। भारत में उत्पादन रिकॉर्ड 13.50 करोड़ टन तक पहुंचने की संभावना है। इस बार चावल और दालों का उत्पादन बेहतर मानसून की वजह से अच्छा रहने की उम्मीद है। बीते वर्ष के खरीफ मौसम में खाद्यान्न उत्पादन 12.40 करोड़ टन रहा था। दालों का उत्पादन अधिक होने से इसकी खुदरा कीमतें भी कम होंगी।


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