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जेटली ने रघुराम की 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम की आलोचना खारिज की

आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन की 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम की आलोचना को खारिज करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि यह कम कीमत पर अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पादों के विनिर्माण से जुड़ा है और यह प्रासंगिक नहीं है कि इसे भारत में बेचा जाता है या

By Abhishake PandeyEdited By: Published: Mon, 29 Dec 2014 10:43 AM (IST)Updated: Mon, 29 Dec 2014 12:24 PM (IST)
जेटली ने रघुराम की 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम की आलोचना खारिज की

नई दिल्ली। आरबीआई गवर्नर रघुराम राजन की 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम की आलोचना को खारिज करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा कि यह कम कीमत पर अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पादों के विनिर्माण से जुड़ा है और यह प्रासंगिक नहीं है कि इसे भारत में बेचा जाता है या विदेश में।

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जेटली ने कहा, मेक इन इंडिया के तहत उत्पाद भारतीय उपभोक्ताओं के लिए बनाए जाते हैं या बाहर के उपभोक्ताओं के लिए, यह प्रासंगिक नहीं हैं। आज का सिद्धांत यह है कि विश्व भर के उपभोक्ता ऐसे उत्पाद पसंद करते हैं, जो सस्ते और अच्छी गुणवत्ता वाले हों।

इससे पहले, इसी महीने राजन ने नरेंद्र मोदी सरकार के 'मेक इन इंडिया' अभियान के बारे में आगाह करते हुए कहा था कि यह चीन के निर्यात केंद्रित वृद्धि मार्ग का अनुसरण है, जबकि इसे 'मेक फॉर इंडिया' (भारत के लिए बनाएं) होना चाहिए, जो घरेलू बाजार के लिए उत्पाद विनिर्माण पर केंद्रित हो।

जेटली ने कहा कि कराधान प्रणाली को शेष विश्व के अनुरूप बनाना चाहिए, क्योंकि जब लोग उत्पाद खरीदते हैं, तो वे उन्हें कर के साथ खरीदना पसंद नहीं करते। उन्होंने कहा कि जब तक हम परिवर्तनकारी कदम नहीं उठाते, विनिर्माण चुनौती बना रहेगा।

जेटली ने कहा कि हालिया दौर में विनिर्माण में नरमी की एकमात्र वजह रही है, पूंजी की ऊंची लागत। कारोबार आसान बनाने के संबंध में वित्त मंत्री ने कहा, पिछले कुछ सालों में ऐसा क्या हुआ, जिससे कारोबार (भारत में) करना जटिल हुआ। क्या कराधान प्रणाली ने निवेशकों को भयभीत किया? क्या इसके कारण ऐसे संयंत्र बंद नहीं हुए, जिनकी तुलना वैश्विक संयंत्रों से की जा सकती थी।

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