घटती जा रही हैं निर्यात इकाइयां
निर्यात में तेजी से आ रही कमी के बीच देश में निर्यातोन्मुख इकाइयों (ईओयू) की संख्या भी तेजी से घट रही है। इसके लिए निर्यात प्रोत्साहन के लिए दी जाने वाली सरकारी स्कीमों के घटते आकर्षण को वजह माना जा रहा है। हाल ही में संसद में पेश नियंत्रक एवं महालेखा
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। निर्यात में तेजी से आ रही कमी के बीच देश में निर्यातोन्मुख इकाइयों (ईओयू) की संख्या भी तेजी से घट रही है। इसके लिए निर्यात प्रोत्साहन के लिए दी जाने वाली सरकारी स्कीमों के घटते आकर्षण को वजह माना जा रहा है।
हाल ही में संसद में पेश नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की एक रिपोर्ट के मुताबिक निर्यातोन्मुख इकाइयों की संख्या 2009-10 के 3,109 से घटकर 2013-14 में 2,608 रह गई है। इसी अवधि में चालू हालत वाली इकाइयों की संख्या 2,279 से घटकर 2,095 रह गई है।
कैग का मानना है कि देश में विशेष आर्थिक जोन (एसईजेड) अधिनियम लागू होने के बाद भी ईओयू की संख्या में तेजी से कमी आई है। यह अधिनियम साल 2006-07 में अस्तित्व में आया था। कैग ने निर्यातोन्मुख इकाइयों की समीक्षा में पाया है कि ईओयू की संख्या में कमी का प्रमुख कारण डीईपीबी, ड्रॉबैक, डीएफआरसी और टारगेट प्लस जैसी स्कीमों में मिलने वाले प्रोत्साहनों का वापस होना रहा है।