पैन के लिए अब आधार या वोटर कार्ड ही काफी
पैन कार्ड हासिल करने के लिए अब कई अलग-अलग दस्तावेजों की आवश्यकता नहीं होगी।
नई दिल्ली। पैन कार्ड हासिल करने के लिए अब कई अलग-अलग दस्तावेजों की आवश्यकता नहीं होगी। आवेदन के साथ सिर्फ आधार से जुड़ा दस्तावेज अथवा आपका मतदाता पहचान पत्र (वोटर कार्ड) ही पैन कार्ड बनवाने के लिए काफी होगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने हाल ही में पहचान साबित करने के लिए कई दस्तावेजों की आवश्यकता संबंधी नियमों में ढील दे दी है। इसके लिए सीबीडीटी ने नियमों में भी बदलाव किए हैं।
सीबीडीटी ने पिछले दिनों इस संबंध में एक अधिसूचना भी जारी की। इसमें पैन कार्ड बनवाने के लिए जन्म तिथि, पहचान और आवासीय पते की पुष्टि करने वाले अलग-अलग दस्तावेज देने की जरूरत वाले नियम को हटा दिया गया है। इस अधिसूचना के मुताबिक अब पैन कार्ड के लिए दस्तावेज के रूप में केवल वोटर कार्ड या आधार कार्ड से ही काम चल जाएगा। इन दोनों ही कार्डों में ये तीनों सूचनाएं उपलब्ध होती हैं। इससे लोगों को तीन अलग-अलग दस्तावेज भेजने की आवश्यकता नहीं रह जाएगी।
अधिसूचना के अंतर्गत केंद्र अथवा राज्य सरकार, केंद्रीय व राज्यों के सार्वजनिक उपक्रमों और केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा स्कीम (सीजीएचएस) के तहत जारी होने वाले पहचान पत्र को भी जन्मतिथि की पुष्टि के लिए मान्य प्रपत्र माना जाएगा। इस तरह अब जन्मतिथि को वैध ठहराने वाले दस्तावेजों की कुल संख्या बारह हो गई है। पैन कार्ड के लिए मान्य इन दस्तावेजों की संख्या अभी तक आठ थी। लेकिन जो लोग सरकारी सेवाओं में नहीं हैं, उन्हें अपना पैन कार्ड बनवाने के लिए अब केवल वोटर या आधार कार्ड लगाना ही पर्याप्त होगा।
वित्त मंत्रालय के एक अधिकारी के मुताबिक दस्तावेजों की संख्या को सीमित करने के पीछे सरकार की सोच लोगों को सुविधा प्रदान करना है। साथ ही सरकार वोटर कार्ड, पैन और आधार कार्ड के डाटा को आपस में जोड़ना चाहती है। इससे सरकारी स्कीमों में मिलने वाली सुविधाओं के मामले में डुप्लीकेसी को रोका जा सकेगा।
क्या है पैन
पैन एक दस अंकों वाली संख्या होती है, जिसमें अंग्रेजी के अक्षर भी शामिल हैं। इसे आयकर विभाग द्वारा किसी भी ऐसे व्यक्ति को जारी किया जाता है, जो इसके लिए आवेदन करता है। विभाग कुछ लोगों या संस्थानों को बिना आवेदन के अपनी ओर से भी पैन आवंटित करता है।