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प्याज उत्पादन का विश्व रिकॉर्ड भी नालंदा के नाम

पहले धान फिर आलू और अब प्याज के उत्पादन मे विश्व रिकार्ड बनाकर बिहार के नालंदा जिले के किसानो ने खेती के सुनहरे इतिहास मे एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ दिया है। यहां के किसान ने 660 क्विंटल प्रति हेक्टेयर का उत्पादन कर नीदरलैड का 650 क्विंटल का रिकार्ड तोड़ दिया। इस जिले का गेहूं के उत्पादन मे भी राष्ट्रीय रिकॉर्ड रहा है।

By Edited By: Published: Thu, 10 May 2012 11:55 PM (IST)Updated: Fri, 11 May 2012 05:51 AM (IST)
प्याज उत्पादन का विश्व रिकॉर्ड भी नालंदा के नाम

बिहारशरीफ [जागरण संवाददाता]। पहले धान फिर आलू और अब प्याज के उत्पादन में विश्व रिकार्ड बनाकर बिहार के नालंदा जिले के किसानों ने खेती के सुनहरे इतिहास में एक और स्वर्णिम अध्याय जोड़ दिया है। यहां के किसान ने 660 क्विंटल प्रति हेक्टेयर का उत्पादन कर नीदरलैंड का 650 क्विंटल का रिकार्ड तोड़ दिया। इस जिले का गेहूं के उत्पादन में भी राष्ट्रीय रिकॉर्ड रहा है।

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सदर प्रखंड के सोहडीह गांव निवासी किसान राकेश कुमार के खेत में लगी प्याज की फसल की कृषि वैज्ञानिकों के पर्यवेक्षण में गुरुवार को कटाई [क्रॉप कटिंग] हुई। जब उपज को तौला गया तो वजन चौंकाने वाला आया। प्रति हेक्टेयर 660 क्विंटल उत्पादन का नतीजा सामने आते ही वहां मौजूद सभी लोग खुशी से उछल पड़े। वैज्ञानिकों की टीम में उद्यान महाविद्यालय, नूरसराय के प्राचार्य डॉ. पंचम कुमार सिंह, डॉ. अशोक सिंह, डॉ. मणिकांत कुमार, कृषि विज्ञान केंद्र, हरनौत के वैज्ञानिक डॉ. उमेश नारायण उमेश, डॉ. एनके सिंह, डॉ. विनोद कुमार और डॉ. आनंद कुमार शामिल थे। टीम ने अपनी देखरेख में 50 वर्ग मीटर एरिया की नाप कराकर फसल की कटिंग कराई। मौके पर जिला उद्यान अधिकारी देवनाथ महतो भी मौजूद थे। कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि जैविक खेती कर इतनी उपज हासिल करना अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि है। सामान्य पद्धति से खेती करने पर जो उपज होती है उससे बहुत ज्यादा उपज जैविक पद्धति से किसान राकेश ने हासिल की है। वैज्ञानिकों ने बताया कि राकेश ने इस भ्रम को तोड़ डाला कि रासायनिक खाद से ही ज्यादा उपज संभव है।

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