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एमएमटीसी 10 हजार टन प्याज का आयात करेगी

प्याज की ऊंची कीमतों पर अंकुश लगाने की खातिर सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एमएमटीसी इसके आयात के लिए ग्लोबल टेंडर जारी कर दिया है। पाकिस्तान, मिस्त्र, चीन और अफगानिस्तान जैसे देशों से 10,000 टन प्याज आयात के लिए दुनिया भर के सप्लायरों से बोलियां मंगाई गई हैं।

By Murari sharanEdited By: Published: Sat, 29 Aug 2015 09:59 PM (IST)Updated: Sat, 29 Aug 2015 10:16 PM (IST)
एमएमटीसी 10 हजार टन प्याज का आयात करेगी

नई दिल्ली। प्याज की ऊंची कीमतों पर अंकुश लगाने की खातिर सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एमएमटीसी इसके आयात के लिए ग्लोबल टेंडर जारी कर दिया है। पाकिस्तान, मिस्त्र, चीन और अफगानिस्तान जैसे देशों से 10,000 टन प्याज आयात के लिए दुनिया भर के सप्लायरों से बोलियां मंगाई गई हैं।

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यह दूसरी निविदा है जिसे एमएमटीसी ने जारी किया है। इससे पहले उसने 45 रुपये किलो की दर से 1,000 टन की आयात बोली को अंतिम रूप दिया है। इसकी खेप 10 सितंबर तक पहुंचने की उम्मीद है।

प्याज की आवक 15 सितंबर तक वाघा बॉर्डर, कांडला, मुंबई के जेएनपीटी और चेन्नई बंदरगाह पर की जानी है। बोलियां न्यूनतम 1,000 टन के लिए लगानी हैं। बोलियां 27 अगस्त तक जमा करानी होंगी। ये दो सितंबर तक वैध होंगी। निविदा में कहा गया है कि आयात की मात्रा बढ़ाई या घटायी भी जा सकती है। प्याज का उठाव पाकिस्तान, मिस्त्र, चीन, अफगानिस्तान तथा किसी अन्य देश से किया जा सकता है।

प्याज कीमतें अब भी ऊंची

महाराष्ट्र के लासलगांव में प्याज का थोक भाव बढ़कर 54 रुपये किलो पर पहुंच गया। लासलगांव देश में प्याज की सबसे बडी मंडी है। प्याज का उत्पादन घटने और भंडारों में जमा प्याज की सुस्त आपूर्ति के चलते इसके भाव में तेजी बनी हुई है।

मांग की तुलना में करीब पांच लाख टन की कमी का अनुमान है। इसकी वजह से प्याज की कीमत 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गई है। इसे नीचे लाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। प्याज का आयात शुरू किया गया है।

प्याज के न्यूनतम निर्यात मूल्य में भारी वृद्धि कर इसे 700 डॉलर प्रति टन कर दिया गया है। महाराष्ट्र सहित सभी राज्यों से कहा गया है कि वे जमाखोरों और कालाबाजारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। केंद्रीय एजेंसियों के जरिये दिल्ली के बाजार में कम कीमत पर प्याज की बिक्री भी की जा रही है।


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