सेवा व्यापार बढ़ाने को आएगी उदार वीजा नीति
भारत जल्द ही सेवाओं के व्यापार को बढ़ावा देने की खातिर उदार वीजा नीति लाने जा रहा है।
नई दिल्ली, (पीटीआई)। भारत जल्द ही सेवाओं के व्यापार को बढ़ावा देने की खातिर उदार वीजा नीति लाने जा रहा है। इसके जरिये विदेशियों और विदेशी मुद्रा को आकर्षित कर सालाना 80 अरब डॉलर की कमाई की जा सकती है। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय सेवा निर्यात बढ़ाने को वीजा नियमों में व्यापक बदलाव के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगाए हुए है। इससे जुड़े प्रस्ताव को आगे बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) भी दबाव बनाए हुए है। गृह मंत्रालय इस प्रस्ताव पर अपनी सैद्धांतिक सहमति दे चुका है।
कुछ सुरक्षा चिंताओं के मसले का समाधान होने के बाद इसे लागू करने के लिए तैयार है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय इस प्रस्ताव पर काम कर रहा है। उम्मीद है कि उदार वीजा नीति को जल्द ही अमल में लाया जाएगा।
क्या है इस प्रस्ताव में
इस प्रस्ताव के मुताबिक टूरिस्ट, बिजनेस, मेडिकल और कांफ्रेंस जैसी अलग-अलग वीजा श्रेणियों को एक ही में मिला दिया जाएगा। इसके साथ ही 10 वर्ष तक की लंबी अवधि का बहु-प्रवेश यात्रा वीजा जारी किया जाएगा। हालांकि, विजिटर को अपने बायोमीट्रिक डिटेल्स उपलब्ध कराने होंगे। इसके अलावा उसे कुछ सुरक्षा दायित्वों को भी पूरा करना होगा।
आभूषण पर ड्यूटी ड्रॉबैक दरें बढ़ीं
सरकार ने शुक्रवार को सोने और चांदी के आभूषणों के निर्यात पर ड्यूटी ड्रॉबैक की दरें बढ़ाने का एलान किया। स्वर्णाभूषणों के मामले में एआइआर (ऑल इंडिया रेट्स) ड्यूटी ड्रॉबैक की नई दर 252.30 रुपये प्रति ग्राम होगी। चांदी के गहनों पर इसकी नई दर 3,285.40 रुपये प्रति किलो तय की गई है। केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने यह जानकारी दी है। ड्यूटी ड्रॉबैक उन शुल्कों की वापसी (रिफंड) होती है, जो निर्यात वस्तुओं में इस्तेमाल होने वाले वाले इनपुट के आयात पर अदा किए जाते हैं।