सूचकांक की रफ्तार से नहीं चल रहे कई दिग्गज शेयर
लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में स्थायी सरकार बनने की उम्मीद ने भले ही शेयर बाजार के सूचकांकों को नई ऊंचाई पर ला खड़ा किया है, मगर दिग्गज शेयर अभी भी सूचकांक की रफ्तार के साथ नहीं चल रहे हैं। बीएसई के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और एनएसई के निफ्टी के नई ऊंचाई पर पहुंचने के बावजूद उनके मु
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र में स्थायी सरकार बनने की उम्मीद ने भले ही शेयर बाजार के सूचकांकों को नई ऊंचाई पर ला खड़ा किया है, मगर दिग्गज शेयर अभी भी सूचकांक की रफ्तार के साथ नहीं चल रहे हैं।
बीएसई के प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स और एनएसई के निफ्टी के नई ऊंचाई पर पहुंचने के बावजूद उनके मुख्य हिस्सेदार शेयर अपने 52 हफ्तों की अधिकतम कीमत से आठ से 20 फीसद तक नीचे चल रहे हैं। पिछले एक महीने में शेयर बाजार की रफ्तार अचानक बढ़ी है।
केंद्र में स्थायी सरकार की उम्मीद ने निवेशकों को बाजार में लौटाया है। खासतौर पर विदेशी संस्थागत निवेशक बाजार में एक बार फिर लौटने लगे हैं। बाजार में बंधी इस उम्मीद ने निफ्टी और सेंसेक्स दोनों को नए शिखर पर पहुंचाया है। मगर दिग्गज कंपनियों के शेयर इस दौड़ में पीछे रह गए दिखाई देते हैं। इस बात की पुष्टि शेयर बाजार के आंकड़े भी करते हैं।
निवेशक बाजार में दिग्गजों की स्थिति को संभावनाओं के तौर पर देख रहे हैं। एचएसबीसी ग्लोबल एसेट मैनेजमेंट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) पुनीत चढ्डा के मुताबिक बीते एक साल से दिग्गज शेयरों की रफ्तार धीमी है। इनमें वृद्धि की काफी गुंजाइश है। बाजार से जुड़े दूसरे जानकारों का मानना है कि दिग्गज शेयरों की इसी चाल की वजह से बाजार में तेजी का स्थायी भाव नहीं आ पा रहा है। इन शेयरों की रफ्तार बढ़ते ही शेयर बाजार में तेजी स्थायी होगी।
निफ्टी में शामिल बजाज ऑटो, एक्सिस बैंक, भेल, भारती एयरटेल से लेकर जिंदल स्टील, एनटीपीसी, इंफोसिस जैसे कई शेयर हैं जो शेयर बाजार की तेजी के माहौल में भी 52 हफ्ते के अपने शीर्ष स्तर से नीचे के भाव पर कारोबार कर रहे हैं।
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