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जानिए व्हाइट लेवल एटीएम के बारे में हर छोटी-बड़ी बात

व्हाइट लेवल एटीएम के जरिए देश की सबसे बड़ी वित्तीय सेंधमारी ने 30 लाख खाताधारकों को परेशान कर दिया है

By Surbhi JainEdited By: Published: Thu, 20 Oct 2016 02:07 PM (IST)Updated: Fri, 21 Oct 2016 03:31 PM (IST)
जानिए व्हाइट लेवल एटीएम के बारे में हर छोटी-बड़ी बात

नई दिल्ली: व्हाइट लेवल एटीएम के जरिए देश की सबसे बड़ी वित्तीय सेंधमारी ने 30 लाख खाताधारकों को परेशान कर दिया है। आपको बता दें कि बीते बुधवार को ही देश के सबसे बड़े बैंक एसबीआई ने 6 लाख से ज्यादा एटीएम-डेबिट कार्ड को ब्लॉक कर दिया था। ऐसे में इस सेंधमारी ने बैंकों को भी परेशान कर दिया है। बैंक का मानना है कि चीनी हैकरों ने यह अटैक किया है। वहीं एसबीआई के एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक ने यह फ्रॉड मालवेयर के जरिए व्हाइट लेवल एटीएम से हुआ है। ऐसे में एक एक शब्द जो सबसे ज्यादा चर्चा में है वो है व्हाइट लेवल एटीएम। जागरण डॉट कॉम की टीम आज आपको व्हाइट लेवल एटीएम के बारे में बताने की कोशिश करेगी।

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जानिए क्या होता है व्हाइट लेबल एटीएम:

गैर बैंकिंग निकाय की ओर से लगाए गए और चलाए जाने वाले एटीएम को व्हाइट लेबल एटीएम कहते हैं। यानी इन एटीएम मशीनों पर सारी सहूलियतें तो होती हैं लेकिन इन पर किसी बैंक का लेबल नहीं लगा होता है।
सामान्य एटीएम मशीन में दो पक्ष होते हैं-

1. पहला पक्ष बैंक होता है जिसका यह एटीएम होता है। वह इसको स्थापित करने के साथ साथ इसका मालिकाना हक भी रखता है। वह इसे परिचालित भी करता है।
2. दूसरा पक्ष अधिकृत पेमेंट नेटवर्क ऑपरेटर यानी वीजा या मास्टर कार्ड होता है।
व्हाइट लेबल एटीएम:

वहीं व्हाइट लेबल एटीएम में तीन पक्ष शामिल होते हैं-

1. एक गैर बैंकिंग निकाय जो इसे लगाता है।
2. इसका मालिकाना हक रखने वाला पक्ष।
3. तीसरा इसे संचालित करने वाला पेमेंट नेटवर्क।

स्पांसर बैंक इसमें कैश मैनजमेंट का काम देखेगा। साथ ही उसे फंड सेटलमेंट और कस्टमर की शिकायत से जुड़े तंत्र को संभालना होगा और वही अधिकृत पेमेंट नेटवर्क का भी काम देखेगा।

व्हाइट लेबल एटीएम के लिए कौन कर सकता है आवेदन:

जानकारी के मुताबिक 100 करोड़ रुपए के नेटवर्थ वाला कोई भी गैर बैंकिंग निकाय इसकी स्थापना के लिए आवेदन कर सकता है। सरकार भी व्हाइट लेबल एटीएम को लगाने की नीति को प्रोत्साहित कर रही है क्योंकि यह ग्राहकों के लिए सुविधा बढ़ाने की ओर एक कदम है।

व्हाइट लेबल ATM की फ्रेंचाइजी लेकर कर सकते हैं लाखों की कमाई:
व्हारट लेबल एटीएम की फ्रेंचाइजी लेकर आप घर बैठे हर महीने लाखों रुपए की कमाई कर सकते हैं। आपको बता दें कि व्हाइट लेबल एटीएम टाटा और मुत्थूदट ग्रुप जैसी निजी गैर-बैंकिंग कंपनियों के होते हैं। अगर आपके पास जगह है तो आप एटीएम की फ्रेंचाइजी ले सकते हैं, नहीं तो डिस्ट्रिब्यूहटर भी बन सकते हैं। शुरुआत में इस बिजनेस के लिए आपको सिर्फ 3.25 लाख रुपए खर्च करने पड़ सकते हैं। इससे कमाई भी हर महीने करीब 1 लाख रुपए हो सकती है।

ऐसे होती है कमाई:

देश में एटीएम की भारी कमी है। आंकड़ों के लिहाज से देश में 6,100 लोगों के लिए मात्र एक एटीएम उपलब्ध है। इसलिए, एटीएम के लिए जगह की मांग लगातार बढ़ रही है। टाटा और मुत्थूंट ग्रुप के अलावा कई कंपनियां व्हाैइट लेबल एटीएम लगा रही है। ये सभी निजी गैर-बैंकिंग कंपनियां ट्रांजैक्शन के आधार पर फ्रेंचाइजी को भुगतान करती हैं।

एक अनुमान के मुताबिक, फ्रेंचाइजी लेने पर आप हर महीने घर बैठे 50000 रुपए से ज्यादा की कमाई कर सकते हैं। अगर आप डिस्ट्रिब्यूटर बनते हैं तो ये सौदा और भी फायदेमंद है। इसमें आपको हर महीने करीब एक लाख की आमदनी हो सकती है। व्हाइट लेबल एटीएम फ्रेंचाइजी को गैर-बैंकिंग कंपनियां प्रति ट्रांजैक्शन के हिसाब से भुगतान करती हैं। अगर एटीएम से हर महीने 7,000 ट्रांजैक्शन हुए हैं, तो शुद्ध लाभ आपको करीब 50 हजार रुपए का होगा। वहीं अगर एटीएम से हर महीने 12,000 ट्रांजैक्शन होते हैं, तो कमाई लाखों में हो सकती है।


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