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जानिए केवाईसी से जुड़ी छोटी-बड़ी हर बात

बैंक में खाता खुलवाना हो, म्युचुअल फंड में निवेश करना हो, गोल्ड बॉन्ड में अपनी जमा पूंजी लगानी हो या फिर पुरानी कंपनी की पीएफ राशि निकालनी हो, ये कुछ ऐसे वित्तीय लेन-देन होते हैं जिनमें आपसे केवाईसी के बारे में पूछा जाता है।

By Praveen DwivediEdited By: Published: Mon, 26 Sep 2016 01:45 PM (IST)Updated: Mon, 26 Sep 2016 03:40 PM (IST)
जानिए केवाईसी से जुड़ी छोटी-बड़ी हर बात

नई दिल्ली: बैंक में खाता खुलवाना हो, म्युचुअल फंड में निवेश करना हो, गोल्ड बॉन्ड में अपनी जमा पूंजी लगानी हो या फिर पुरानी कंपनी की पीएफ राशि निकालनी हो, ये कुछ ऐसे वित्तीय लेन-देन होते हैं जिनमें आपसे केवाईसी के बारे में पूछा जाता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर ये केवाईसी होता क्या है और यह इतना जरूरी क्यों होता है?

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आज हम आपको जागरण डॉट कॉम की खबर के माध्यम से केवाईसी (नो योर कस्टमर्स) से जुड़ी हर छोटी बड़ी बात बताने की कोशिश करेंगे।

क्या है केवाईसी

दरअसल केवाईसी कस्टमर्स के बारे में जानकारी अपडेट करने की एक सामान्य प्रक्रिया है। इस प्रक्रिया के जरिए यह सुनिश्चित किया जाता है कि कोई व्यक्ति कहीं बैंकिंग सेवाओं का दुरुपयोग तो नहीं कर रहा है।

केवाईसी क्यों?

केवाईसी प्रक्रिया के जरिए खाते के असली मालिक की पहचान, उसके पैसों का सोर्स (पैसा कहां से आया) और ग्राहक के बिजनेस का नेचर (वह किस तरह का बिजनेस करता है) पता करने की कोशिश की जाती है। साथ ही इसके जरिए यह जानने की कोशिश भी होती है कि संबंधित व्यक्ति के खातों से होने वाला लेन-लेन उसके (बैंक या कोई अन्य संस्थान) बिजनेस के मुताबिक है या नहीं। क्योंकि इसकी जानकारी होने से बैंक ज्यादा सक्षम तरीके से जोखिम का प्रबंध कर पाता है।

कौन सा फॉर्म जमा करना होगा

केवाईसी अपडेशन से लिए आपको अपने संबंधित बैंक की स्थानीय शाखा में जाकर सामान्य सा फॉर्म भरना होगा। इस फॉर्म में आपको अपना नाम, पता, अकाउंट नंबर और पैन नंबर जैसी सामान्य सी डिटेल भरनी होगी। साथ ही आपकी एक फोटो भी लगानी होगी।

केवाईसी अपडेशन के लिए कौन से दस्तावेज जमा करने होते हैं

केवाईसी अपडेशन को लेकर कस्टमर्स को ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है, आपको बस आईडी प्रूफ और अड्रैस प्रूफ जैसे समान्य दस्तावेज ही जमा कराने होते हैं। सेविंग बैंक अकाउंट होल्डर्स को पासपोर्ट, आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, नरेगा कार्ड, इलेक्शन आईडी, पैन कार्ड (केवल आईडी प्रुफ के लिए) की फोटो कॉपी जमा करानी होगी, वहीं करंट अकाउंट्स होल्डर्स एड्रेस प्रूफ और अपनी पहचान से जुड़े दस्तावेजों की कॉपी जमा करा सकते हैं।

आईडीप्रूफ के लिए इसके लिए आधार कार्ड, वोटर आईडी और पैन कार्ड जैसे कई विकल्प हैं।

एड्रैस प्रूफ अगर आपके पास आईडीप्रूफ के तौर पर आधार कार्ड है तो यह एड्रेस प्रूफ के तौर पर भी काम करेगा। वहीं अगर आपके पास कोई भा एड्रेस प्रूफ नहीं है तो आप एक एफिडेविट भी दे सकते हैं।

घर बैठे भी कर सकते हैं आवदेन

अगर आपको अपना केवाईसी फॉर्म भरना हो तो इसके लिए बैंक जाने की जरूरत नहीं है, आप यह काम इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन भी कर सकते हैं। हालांकि डॉक्यूमेंट और फोटो वैरिफिकेशन के लिए आपको एक बार बैंक जाना ही होगा।

जानकारी देते समय सतर्क रहें केवाईसी से जुड़ी जानकारी देते समय आपको थोड़ा सतर्क रहने की जरूरत होती है। अगर डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन के दौरान अधिकारी कोई भी गड़बड़ी पकड़ते हैं तो आपके खिलाफ कार्यवाही भी की जा सकती है।

केवाईसी की कवायद आखिर क्यों?

कुछ बैंकों पर लगे मनी लॉन्ड्रिंग और ब्लैक मनी को व्हाइट करने के आरोपों के बीच केवाईसी प्रक्रिया काफी अहम मानी जाने लगी है। दरअसल बैंक कर्मी पहले खाताधारकों के अकाउंट नियम के मुताबिक खोल दिया करते थे, लेकिन उनकी जांच में थोड़ी ढ़ील बरती जाती थी। इन्हीं गड़बड़ियों के कारण भारतीय रिजर्व बैंक को सभी बैंकों से कहना पड़ा कि वो अपने बैंक के सभी खाताधारकों के खातों का नए सिरे से केवाईसी अपडेशन करें।

अलग अलग मदों में केवाईसी के नियम अलग अलग होते हैं:

बैंक के लिए केवाईसी

अगर आप बैंक में खाता खुलवाने जा रहे हैं तो मान्यता प्राप्त पहचान पत्र और पते के प्रमाणपत्र जमा कराने होते हैं। प्राइवेट कंपनियों में काम करने वाले वो कर्मचारी जिनके पास स्थानीय पता प्रमाणपत्र नहीं होता है उनके लिए नियोक्ता द्वारा जारी किया गया पत्र प्रूफ के तौर पर स्वीकार किया जा सकता है।

इंश्योरेंस क्षेत्र के लिए केवाईसी

बैंकिंग सेक्टर की तरह ही बीमा (इंश्योरेंस) क्षेत्र के लिए भी केवाईसी के कुछ मानदंड हैं। इंश्योरेंस के लिए पहचान पत्र के तौर पर आप पासपोर्ट, पैन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, राशन कार्ड और आधार कार्ड दे सकते हैं। इसके साथ ही आपको एक पासपोर्ट साइज फोटो भी देना होगा। रही बात आवासीय प्रमाणपत्र की तो इसके लिए आप ड्राइविंग लाइसेंस, टेलीफोन का बिल जो कि ज्यादा पुराना न हो जमा करा सकते हैं।

म्युचुअल फंड में निवेश के लिए केवाईसी

अगर आप पहली बार म्युचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं, तो आपको किसी म्यूचुअल फंड हाउस (कंपनी) जाकर एक फॉर्म भरना होगा जिसमें आपका नाम, माता-पिता का नाम, जेंडर, नेशनलिटी, पैन कार्ड नंबर, पहचान पत्र, के अलावा एक पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ नत्थी करना होगा, जिस पर क्रॉस सिग्नेचर होने चाहिए। स्थानीय पते के तौर पर आप पासपोर्ट, राशन कार्ड, सेल एग्रीमेंट ऑफ रेजिडेंस, ड्राइविंग लाइसेंस, वोटर आई कार्ड के अलावा लेटेस्ट बैंक एकाउंट स्टेटमेंट, टेलीफोन बिल, बिजली बिल और गैस का बिल भी जमा कर सकते हैं। इसमें आपको अपनी सालाना आमदनी के अलावा अपने पेशे से जुड़ी जानकारी भी देनी होंगी।

स्टॉक मार्केट के लिए केवाईसी

स्टॉक मार्केट से जुड़े केवाईसी के लिए आपको पासपोर्ट, आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी, ड्राइविंग लाइसेंस और पासपोर्ट साइज फोटो जमा कराना होगा। एड्रेस प्रूफ के तौर पर आप बिजली बिल भी जमा करा सकते हैं। इसके अलावा आपको बैंक की विस्तृत जानकारी के साथ एक कैंसिल्ड (रद्द किया हुआ) चेक और पिछले तीन महीने के बैंक खाते का स्टेटमेंट भी फॉर्म के साथ नत्थी करना होगा। शेयर बाजार में निवेश के लिए एक बार ही केवाईसी कराना काफी होता है।


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