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शहरों की 15 फीसदी आबादी नहीं जानती क्रेडिट स्कोर, जानिए इससे जुड़ी बातें

आज जागरण डॉट कॉम की बिजनेस टीम आपको सिबिल स्कोर (क्रेडिट स्कोर) से जुड़ी हर छोटी बड़ी बात बताने की कोशिश करेगी।

By Praveen DwivediEdited By: Published: Sun, 16 Oct 2016 10:50 PM (IST)Updated: Thu, 20 Oct 2016 03:18 PM (IST)
शहरों की 15 फीसदी आबादी नहीं जानती क्रेडिट स्कोर, जानिए इससे जुड़ी बातें

नई दिल्ली: आपको जानकर हैरानी होगी कि मेट्रो शहरों में रहने वाली 15 फीसदी आबादी यह बात नहीं जानती है कि क्रेडिट स्कोर आखिर होता क्या है? इतना ही नहीं 50 फीसदी लोग यह तक नहीं जानते कि इस तरह का स्कोर तय करने वाले कोई ब्यूरो भी देश में काम कर रहा है। जबकि क्रेडिट ब्यूरो देश में एक दशक से भी ज्यादा समय से काम कर रहा है। आज जागरण डॉट कॉम की बिजनेस टीम आपको सिबिल स्कोर (क्रेडिट स्कोर) से जुड़ी हर छोटी बड़ी बात बताने की कोशिश करेगी।

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क्या होता है क्रेडिट (सिबिल) स्कोर:

दरअसल सिबिल या क्रेडिट स्कोर आपकी वित्तीय साख को दर्शाता है कि आप लोन लेने और उसे समय पर चुकाने को लेकर कितने प्रतिबद्ध हैं। यानी लेन-देन में आपकी छवि कैसी है, इसे देखते हुए ही बैंक यह तय करता है कि आप लोन दिए जाने के पात्र हैं या नहीं। बैंक इसके लिए एक अल्गोरिथम का इस्तेमाल करती है। जो भी व्यक्ति कर्ज लेने का इच्छुक होता है उसकी पिछले 6 महीने की क्रेडिट हिस्ट्री देखी जाती है। उसके फाइनेंशियल डेटा का अध्ययन किया जाता है। साथ ही कुछ कारकों का ध्यान रखते हुए उसके लिए एक स्कोर का निर्धारण किया जाता है। खराब सिबिल स्कोर रखने वाले व्यक्तियों की लोन एप्लीकेशन बैंक द्वारा रिजेक्ट कर दी जाती है। 750 से ऊपर का सिबिल स्कोर किसी भी व्यक्ति के लिए बेहतर माना जाता है। यदि किसी व्यक्ति का सिबिल स्कोर 750 के ऊपर है तो उसकी लोन एप्लीकेशन अप्रोव्ड होने की संभावना प्रबल होती हैं।

साल में एक बार फ्री में जान सकते हैं सिबिल स्कोर:

बैंक लोन, क्रेडिट कार्ड या किसी वित्तीय लेनदेन में जरूरी माना जाने वाला सिविल स्कोर अब आप फ्री में पता कर सकते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक ने क्रेडिट इंफॉरमेशन कंपनी को यह निर्देश दिया है कि वे बिना किसी शुल्क साल में एक बार फ्री में सिबिल स्कोर के साथ क्रेडिट रिपोर्ट दें। इसका सीधा सा मतलब यह हुआ कि अब कोई भी व्यक्ति साल में एक बार बिना किसी फीस के अपना सिबिल स्कोर जान सकता है। यह उन सभी व्यक्तियों के लिए उपलब्ध होगा जिनकी हिस्ट्री क्रेडिट इंफॉमेशन कंपनियों के पास है।

खराब है सिबिल स्कोर तो ऐसे सुधारें, यह है तरीका:

सबसे पहले अपने सिबिल स्कोर पर असर डालने वाले कारणों का पता लगाना चाहिए। इसके लिए सिबिल रिपोर्ट की जरूरत होती है। रिपोर्ट देखने के लिए सिबिल की वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन फॉर्म भरें और साथ ही 470 रुपए के फीस का भुगतान करें। ऑथेंटिकेशन प्रोसेस पूरा होन के बाद सिबिल स्कोर को डाउनलोड कर सकते हैं। यह आपकी ई-मेल पर भी भेजी जाती है।

सिबिल स्कोर में कहां होती है गलती:

क्रेडिट रिपोर्ट में आपके बैंक एकाउंट, लोन और क्रेडिट कार्ड से जुड़ी सारी जानकारियां दी होती हैं। सभी जानकारियां सही होने पर डीपीडी यानि क्रेडिट कार्ड के बिल या किसी लोन की ईएमआई के भुगतान में कितने दिनों की देरी हुई है इसे जरूर देखें। डीपीडी यह बताता है कि किस महीने क्रेडिट कार्ड के बिल या लोन की ईएमआई भुगतान में आपने कितने दिनों की देरी की है। यदि आपका डीपीडी 000 अंक से ज्यादा है तो इसका आपके सिबिल स्कोर पर विपरीत असर पड़ेगा। साथ ही ‘रिटेन-ऑफ’ या ‘सेटल्ड‘ के नीचे दी गई जानकारी बताती है कि बीते दिनों में कहां-कहां आपकी ओर से डिफॉल्ट किया गया है। सिबिल स्कोर के कम होने का मुख्य कारणों में से यह एक कारण है।

सिबिल स्कोर गलत होने पर क्या करें:

आपके लोन एकाउंट या क्रेडिट कार्ड से जुड़ी जानकारियां बैंक सिबिल को भेजता है। ऐसे में रिपोर्टिंग की प्रक्रिया के गलती होने की संभावना होती है। इन गलतियों के कारण से भी आपके स्कोर पर असर पड़ता है और वह घट जाता है। कई बार ऐसा भी होता है कि लोन चुकाने के बावजूद भी उधर बकाया बाकी दिखाया जाता है या फिर अपर्याप्त बैलेंस शो किया जाता है। ऐसे में सिबिल की वेबसाइट पर डिस्प्यूट रिक्वेस्ट फॉर्म को भरकर अपना पक्ष रख सकते हैं। इसके बाद डिस्प्यूट रिजॉल्यूशन सेल विचार करता है और किसी विशेष लोन एकाउंट के मामले में संबंधित कर्जदाता से संपर्क किया जाता है। स्कोर में हुई गलती को सुधारने में 30 दिनों का समय लगता है। कई बार ऐसा भी होता है कि आपके बिना कोई लोन लिए सिबिल रिपोर्ट बकाया बाकि शो करता है। ऐसे में पहचान चोरी या आईडेंडिटी थेफ्ट का मामला होने की संभावना होती है। इन मामलों में तुरंत सिबिल को सूचित करना चाहिए। सिबिल ऐसे मामलों को प्राथमिकता पर देखता है। नोडल अफसर को लिखित में शिकायत दें और कहें कि या तो बैंक की गलती को सुधारें या फिर गलती का पूरा विवरण दें।

अगर सिबिल या बैंक आपके निवेदन पर 30 दिनों तक कोई जवाब नहीं देता तो इसकी शिकायत बैंक के लोकपाल से www.bankingombudsman.rbi.org.in पर करें।

गलती सुधरने के बाद क्या करें:

सिबिल स्कोर की गलतियां ठीक होने के बाद यह सुनिश्चित कर लें कि क्रेडिट कार्ड के बिल और लोन की ईएमआई का भुगतान समय पर करें। हमेशा नए क्रेडिट कार्ड या लोन के लिए सोच-समझ कर आवेदन करना चाहिए। ऐसा करने से सिबिल स्कोर में सुधार आएगा और आगे चलकर भविष्य में लोन लेने में कोई परेशानी नहीं होगी।


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