जेटलाइट के जेट एयरवेज में विलय को मिली मंजूरी
विमानन कंपनी जयलाइट का जेट एयरवेज में विलय होने जा रहा है। जेट एयरवेज के शेयर धारकों ने विलय की मंजूरी दे दी है।
नई दिल्ली, (पीटीआई)। उद्योगपति नरेश गोयल की अगुआई वाली कंपनी जेट एयरवेज में जेटलाइट के विलय का रास्ता साफ हो गया है। जेट एयरवेज के शेयरधारकों ने बीते रोज अपनी इस सहयोगी कंपनी के विलय प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। कंपनी के निदेशक बोर्ड ने पिछले साल सितंबर में ही इस विलय प्रस्ताव को हरी झंडी दिखा दी थी। विलय के बाद जेटलाइट का अस्तित्व समाप्त हो जाएगा।
इस साल 18 मार्च को बॉम्बे हाई कोर्ट ने निजी क्षेत्र की प्रमुख एविएशन कंपनी जेट एयरवेज को प्रस्तावित विलय पर विचार करने के लिए 22 अप्रैल को शेयरधारकों की बैठक बुलाने का निर्देश दिया था। इस मामले में खुद कंपनी ने ही स्थिति को स्पष्ट करने के लिए हाई कोर्ट से निर्देश मांगा था। जेट एयरवेज के अनुसार इस विलय से कंपनी का नकदी प्रबंधन बेहतर होगा। साथ ही एयरलाइन के परिचालन में कुशलता आएगी और शेयरधारकों को भी लाभ होगा।
कैसे बनी जेटलाइट
देश की दिग्गज एविएशन कंपनी रही जेट एयरवेज ने अप्रैल, 2007 में संकटग्रस्त सहारा एयरलाइंस को 1,450 करोड़ रुपये में खरीदा था। कंपनी ने पंचाट के निर्णय के बाद सहारा समूह से इस एयरलाइन का अधिग्रहण किया था। आगे चलकर जेट एयरवेज ने सहारा एयरलाइंस का नाम बदलकर जेटलाइट कर दिया। कंपनी ने इसका संचालन सस्ती दर पर विमानन सेवा देने वाली एयरलाइन के रूप में किया।