स्वास्थ्य, दुर्घटना और मोटर बीमा को सरल बनाने की तैयारी
जीवन बीमा उत्पादों को ग्राहकों के हितों से जोड़ने के बाद अब बीमा नियामक इरडा ने स्वास्थ्य, दुर्घटना और मोटर इंश्योरेंस जैसे साधारण बीमा उत्पादों को भी ग्राहकों के अनुकूल बनाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। ग्राहकों की जरूरतों के मुताबिक, बीमा उत्पाद बनाने और उनकी जटिलता को समाप्त करने के उपाय ढूंढन
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जीवन बीमा उत्पादों को ग्राहकों के हितों से जोड़ने के बाद अब बीमा नियामक इरडा ने स्वास्थ्य, दुर्घटना और मोटर इंश्योरेंस जैसे साधारण बीमा उत्पादों को भी ग्राहकों के अनुकूल बनाने की तैयारियां शुरू कर दी हैं।
ग्राहकों की जरूरतों के मुताबिक, बीमा उत्पाद बनाने और उनकी जटिलता को समाप्त करने के उपाय ढूंढने की जिम्मेदारी इरडा ने एक वर्किग गु्रप को सौंपी है। यह समूह साधारण बीमा उत्पादों के लिए नए दिशानिर्देश तैयार करेगा। इरडा का मानना है कि साधारण बीमा उत्पाद इस तरीके से डिजाइन, मार्केट और बिक्री किए जाने चाहिए जिनसे ग्राहकों को सरल और उपयोगी उत्पाद उपलब्ध हों।
इस समूह की अध्यक्षता इरडा के सदस्य सुरेश माथुर को सौंपी गई है और इसमें आठ सदस्य होंगे। समूह को तीन महीने में अपनी रिपोर्ट देने को कहा गया है। जीवन बीमा क्षेत्र में इस साल पहली जनवरी से ही नए दिशानिर्देश लागू हुए हैं। इसके तहत इरडा ने लंबी अवधि वाले और बीमाधारकों को बेहतर रिटर्न देने वाले उत्पादों को अनिवार्य बना दिया है। अब इरडा साधारण बीमा क्षेत्र में इसे आजमाना चाहता है।
साधारण बीमा उद्योग भी उत्पादों को सरल बनाए जाने की इरडा की राय से सहमत है। रिलायंस जनरल इंश्योरेंस के सीईओ राकेश जैन का मानना है कि इसके साथ-साथ इरडा को कुछ और कदम भी उठाने होंगे। बीमा नियामक को बीमा उत्पादों की मंजूरी में लगने वाले समय की अवधि भी घटाने के उपाय भी करने होंगे।
साधारण बीमा क्षेत्र में इरडा को उत्पादों के सरलीकरण की आवश्यकता इसलिए पड़ी क्योंकि ज्यादातर कंपनियां ग्राहकों की जरूरतों के अनुकूल कम उत्पाद बनाती हैं। ज्यादातर उत्पाद सामान्य अवधारणा के साथ बनाए जाते हैं। जैन मानते हैं कि कम कीमत वाले उत्पादों को बिक्री के लिए जारी करने से पहले इरडा की मंजूरी की शर्त से मुक्त किया जा सकता है। निजी दुर्घटना बीमा, दोपहिया वाहन बीमा और होम इंश्योरेंस जैसे उत्पादों को सीधे बिक्री के लिए उतारने की इजाजत देने को उद्योग वक्त की जरूरत बता रहा है। जैन कहते हैं कि इरडा को नए दिशानिर्देश बनाते वक्त इन बातों का भी ध्यान रखना चाहिए।