Move to Jagran APP

भविष्य कैशलेस है, पर आपका पैसा बढ़ना भी जरूरी है

नोटबंदी के बाद हममें से कई लोगों को एहसास हुआ है कि नकद भुगतान के डिजिटल तरीके के इस्तेमाल से हम अपने काम को और आसान कर रहे हैं।

By Praveen DwivediEdited By: Published: Fri, 25 Nov 2016 06:19 PM (IST)Updated: Mon, 12 Dec 2016 11:08 AM (IST)
भविष्य कैशलेस है, पर आपका पैसा बढ़ना भी जरूरी है

भारत सरकार ने 9 नवंबर से देश में 500 और 1000 रुपए के पुराने नोटों पर बैन लगा दिया है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2016 तक 16 लाख करोड़ में से 14 लाख करोड़ की नकदी आरबीआई की ओर से जारी की गई थी, जिसमे 500 और 1000 रुपए के नोट भी शामिल हैं, यह जीडीपी के 10.5 फीसदी हिस्से के बराबर है।
हमारा मानना है कि सरकार चाहती है कि देश के लोग फिजिकल कैश (नकदी) के बजाए डिजिटल कैश का इस्तेमाल शुरू कर दें।

loksabha election banner

नोटबंदी के बाद हममें से कई लोगों को एहसास हुआ है कि नकद भुगतान के डिजिटल तरीके के इस्तेमाल से हम अपने काम को और आसान कर रहे हैं। यह सर्वव्यापी है और उस डिजिटल रियल्टी के अनुरूप है जिससे हम दो-चार हो रहे हैं।

लेकिन ब्याज दरें कम होंगी!

एक तरफ नोटबंदी से बैंकिंग और औपचारिक प्रणाली में अतिरिक्त तरलता आएगी और लंबी अवधि में अर्थव्यवस्था को ग्रोथ देने में मदद मिलेगी। वहीं दूसरी तरफ यह मुद्रास्फीति को बढ़ावा देगा और बैंक में जमा राशि पर ब्याज दरों में और गिरावट होगी। नोटबंदी के बाद कुछ बैंकों ने पहले ही एफडी दरों में कमी कर दी है।
तो फिर इन हालात में एक आम आदमी के लिए विकल्प क्या है?

यह वास्तव में सरल है! बहुत ही सरल!!

आप हाथ में नकदी न रखें। या तो भुगतान के विभिन्न विकल्प जैसे कि वॉलेट में पैसा रखें, या तो आप अपनी पूरी बचत को बैंक खातों में जमा कर दें।

हालांकि डिजिटल वॉलेट आपको किसी भी तरह का ब्याज नहीं देता है, जबकि सेविंग बैंक अकाउंट से आप करीब 4 फीसदी की दर से ब्याज प्राप्त कर सकते हैं। क्या यह काफी कम नहीं है?

ऐसे में सवाल यह उठाना है कि क्या आपको डिजिटल वॉलेट की सुविधा और क्या सेविंग अकाउंट से ज्यादा ब्याज एक ही विकल्प में मिल सकता है?

जवाब है “हां”

आप किस तरह अपने पैसे को बढ़ा सकते हैं?

हां, जवाब है म्युचुअल फंड। अगर आप लिक्विड फंड में निवेश करते हैं तो आप अपने सेविंग अकाउंट की तुलना में इस तरह के फंड में से ज्यादा धन कमा सकते हैं। ऐसे में जब आपको सेविंग बैंक अकाउंट में जमा राशि पर 4 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है, आप इस तरह के फंड में निवेश कर समान सुविधा के साथ 8 फीसदी का मुनाफा कमा सकते हैं। आप इस तरह से अपने सेविंग बैंक अकाउंट से ज्यादा पैसा प्राप्त कर सकते हैं।

लेकिन अगला सवाल जो आपके दिमाग में आ सकता है वो यह है कि क्या आप बैंक अकाउंट की ही तरह अपना पैसा तुरंत प्राप्त कर सकते हैं?

काश डेब्ट म्युचुअल फंड आपको इंस्टेंट रिडेम्पशन दे सके?

यह एक सही समाधान होगा! अच्छा रिटर्न भी और तरलता भी!

रिलायंस म्युचुअल फंड ने अपनी सिंपली सेव एप लॉन्च की है। यह पहली ऐसी एप है, जो सीधे तौर पर आपके डेब्ट म्युचुअल फंड फोलियो से जुड़ी होगी। बस एक क्लिक के माध्यम से आप अपनी इच्छा से कितनी भी राशि का निवेश कर सकते हैं और एक क्लिक में कितनी भी राशि भुना सकते हैं।

आप अपने स्मार्टफोन की इस एप के माध्यम से अपने सेविंग अकाउंट से न्यूनतम 100 रुपए का निवेश आसानी से कर सकते हैं। इसी तरह आप अपना पैसा वापस भी निकाल सकते हैं और या फिर आप इस एप से लिंक्ड अपने सेविंग बैंक अकाउंट में पैसा जमा भी करवा सकते हैं। इस पूरी प्रक्रिया में अधिकतम 30 मिनट का समय लगता है।

इसलिए यह विकल्प पूरी तरह से स्पष्ट है। डेब्ट म्यूचुअल फंड में पैसा निवेश कीजिए; जो सभी व्यावहारिक उद्देश्यों के लिए पर्याप्त रूप से सुरक्षित है। आप ऐसा करने से सेविंग बैंक अकाउंट की तुलना में ज्यादा बेहतर रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं और आवश्यकता के मुताबिक आप जब चाहें पैसे निकाल भी सकते हैं!!!

क्या पुराने जमाने के सेविंग अकाउंट की तुलना में यह बेहतर विकल्प नहीं है?

सीधे शब्दों में कहें तो, निवेशक अब सेविंग बैंक अकाउंट पर मिलने वाले रिटर्न की तुलना में लगभग दोगुना रिटर्न प्राप्त कर सकते हैं और वो भी आसानी से। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए क्लिक करें...

सिम्प्ली सेव एप के बारे में और जानने के लिए फ्यूचर इज कैशलेस पर विजिट करें और एप को डाउनलोड करने के लिए 8080-944-787 पर मिस्ड कॉल दें।

(स्रोत: एडवाइजर खोज)


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.