दूसरी तिमाही में विकास दर 7.4 फीसद रही
मैन्यूफैक्चरिंग में उछाल और खनन व सेवा क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन से चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में विकास दर बढ़कर 7.4 फीसद हो गई है। पहली तिमाही में यह मात्र सात फीसद थी। हालांकि, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की यह वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष की समान
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मैन्यूफैक्चरिंग में उछाल और खनन व सेवा क्षेत्र के बेहतर प्रदर्शन से चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में विकास दर बढ़कर 7.4 फीसद हो गई है। पहली तिमाही में यह मात्र सात फीसद थी। हालांकि, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की यह वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही की 8.4 फीसद वृद्धि के मुकाबले एक फीसद कम है। वैसे, इस तिमाही में भारत की अर्थव्यवस्था चीन की 6.9 फीसद विकास दर से आगे निकल गई है।
जानकारों का मानना है कि जीडपी की वृद्धि दर का अगर यही रुझान रहा तो सरकार को वित्त वर्ष 2015-16 में 8.1 से 8.5 फीसद विकास दर के लक्ष्य को हासिल करना मुश्किल होगा। केंद्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (सीएसओ) ने सोमवार को जीडीपी के आंकड़े जारी किए। इसके अनुसार वित्त वर्ष 2015-16 की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में विकास दर 7.2 फीसद रही। जबकि पिछले साल समान अवधि में यह 7.5 फीसद थी।
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