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भारत में 14 फीसद गिरी सोने की मांग

आसमान छूती सोने की कीमतों का असर भारत में भी देखने को मिला है। एक आंकड़े के मुताबिक भारत में सोने की खपत पिछले वर्ष के मुकाबले 14 फीसद कम हुई है। विश्व स्वर्ण परिषद ( डब्लू जी सी) की ओर से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि

By Anand RajEdited By: Published: Thu, 12 Feb 2015 12:01 PM (IST)Updated: Thu, 12 Feb 2015 01:32 PM (IST)
भारत में 14 फीसद गिरी सोने की मांग

मुंबई। आसमान छूती सोने की कीमतों का असर भारत में भी देखने को मिला है। एक आंकड़े के मुताबिक भारत में सोने की खपत पिछले वर्ष के मुकाबले 14 फीसद कम हुई है। विश्व स्वर्ण परिषद ( डब्लू जी सी) की ओर से जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्ष 2013 में सोने की मांग 974.8 टन थी, जो इस वर्ष कम हो कर 842.7 टन पर पहुंच गई है। डब्लू जीसी ने भारत में कम हुई मांग के लिए सरकार की नीतियों खास कर आयात पर रोक को जिम्मेदार ठहराया है।

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डब्लूजीसी ने जारी अपनी रिपोर्ट में बताया है कि मूल्य के लिहाज से 2014 में भारत में इस बहुमूल्य धातु की मांग 19 फीसद घटकर 2,08,979.2 करोड़ रुपए रही जो वर्ष 2013 में 2,57,211.4 करोड़ रुपए थी। वहीं इसके ठीक उलट यहां जेवरातों की मांग में आठ फीसद की वृद्धि हुई है। जेवरात की मांग वर्ष 2013 में 612.7 टन थी, जबकि वर्ष 2014 में यह बढ़कर 662.1 टन हो गई।

समांतर बाजार (ग्रे मार्केट) को मिलाकर कुल आयात 769 टन रहा जो 2013 में 825 टन था। डब्ल्यूजीसी के प्रबंध निदेशक (भारत) सोमसुंदरम पीआर ने बताया ‘ग्रे मार्केट से करीब 175 टन सोने की आपूर्ति हुई। यदि इस साल नीति, शुल्क कटौती और पारदर्शी मूल्य निर्धारण में छूट दी जाती है तो ग्रे मार्केट से होने वाली सोने की आपूर्ति में उल्लेखनीय कमी होगी।’ गौरतलब है कि 2014 में कुल निवेश मांग 50 प्रतिशत घटकर 180.6 टन रह गई जो 2013 में 362.1 टन थी।

रिपोर्ट में कहा गया कि मूल्य के लिहाज से सोने में निवेश की मांग 53 प्रतिशत घटकर 44,847.1 करोड़ रुपए रह गई जो 2013 में 95,460.8 करोड़ रुपए था। सोमसुंदरम ने कहा कि निवेश मांग मुख्य तौर पर सरकारी नीतियों के कारण घटी जिनके कारण जौहरियों ने छड़ें और सिक्के नहीं बेचे।

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