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वित्त वर्ष 2016-17 में अप्रैल-जुलाई के दौरान राजकोषीय घाटा 3.93 लाख करोड़ रुपये

वित्त वर्ष 2016-17 के पहले चार महीनों (अप्रैल से जुलाई) में राजकोषीय घाटा 3.93 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर है।

By MMI TeamEdited By: Published: Wed, 31 Aug 2016 05:27 PM (IST)Updated: Wed, 31 Aug 2016 05:31 PM (IST)
वित्त वर्ष 2016-17 में अप्रैल-जुलाई के दौरान राजकोषीय घाटा 3.93 लाख करोड़ रुपये

नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2016-17 के पहले चार महीनों (अप्रैल से जुलाई) में राजकोषीय घाटा 3.93 लाख करोड़ रुपये के स्तर पर है। यह 2016-17 के बजट अनुमान का 73.3 फीसदी है। पिछले वित्त वर्ष की समानावधि में यह आंकड़ा बजट अनुमान के 69.3 फीसदी क बराबर था।राजकोषीय घाटा सरकार के आय और खर्चों के बीच का अंतर होता है। पूरे वित्त वर्ष के दौरान यह जीडीपी के 3.5 फीसदी यानी 5.33 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान है।

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सीजीए के आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल से जुलाई के दौरान सरकार को टैक्स से कुल 2.22 लाख करोड़ रुपए की आय हुई है। वहीं टैक्स के अतिरिक्त होने वाली आय 34098 करोड़ रुपये रही, जो बजट अनुमान से 10.6 फीसदी कम है। टैक्स के अतिरिक्त सरकार को ब्याज, लाभांश आदि से आय होती है। अप्रैल से जुलाई के दौरान सरकार की कुल आय 2.63 लाख करोड़ रुपये रही, जो बजट अनुमान के 18.2 फीसदी के बराबर है।

खर्चों की बात करें तो अप्रैल से जुलाई के दौरान सरकार के कुल खर्चे 6.57 लाख करोड़ रुपए रहे, जो पूरे साल के लिए लगाए गए अनुमान का 33.2 फीसदी है। सीजीए आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल से जुलाई के दौरान राजस्व में कुल 3.30 लाख करोड़ रुपए की कमी रही, जो अनुमान के 93.1 फीसदी के बराबर है।


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