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कॉल ड्रॉप की समस्या का फिलहाल कोई अंत नहीं

देश में कॉल ड्राप की समस्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है, लेकिन इसका समाधान निकलने की कोई सूरत नजर नहीं आ रही है। सरकार ने अपनी तरफ से मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों को धमकी भी दी है। फिर भी स्थिति सुधरती नजर नहीं आ रही। मोबाइल कंपनियों का कहना

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Published: Fri, 29 May 2015 08:36 AM (IST)Updated: Fri, 29 May 2015 08:44 AM (IST)
कॉल ड्रॉप की समस्या का फिलहाल कोई अंत नहीं

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। देश में कॉल ड्राप की समस्या दिनों दिन बढ़ती जा रही है, लेकिन इसका समाधान निकलने की कोई सूरत नजर नहीं आ रही है। सरकार ने अपनी तरफ से मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों को धमकी भी दी है। फिर भी स्थिति सुधरती नजर नहीं आ रही। मोबाइल कंपनियों का कहना है कि वे अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही हैं, पर देश भर में मोबाइल टावरों के खिलाफ चल रहे अभियान की वजह से स्थिति बिगड़ रही है। मोबाइल कंपनियों का सरकार पर यह आरोप भी है कि वह टावरों के खिलाफ फैलाए जा रहे भ्रम को रोकने के लिए कुछ नहीं कर पा रही है।

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दैनिक जागरण के साथ बातचीत में संचार व सूचना और प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने स्पष्ट तौर पर कहा, ‘कॉल ड्रॉप को लेकर सरकार कंपनियों के स्तर पर कोई भी कोताही सहन नहीं करेगी। कंपनियों को अब पर्याप्त स्पेक्ट्रम मिल चुका है। अब उन्हें अपने नेटवर्क को बढ़ा कर इस समस्या से निजात पाने की योजना लागू करनी चाहिए। इस बारे में हाल ही में संचार सचिव ने मोबाइल कंपनियों के प्रतिनिधियों से बातचीत की है। इसके बावजूद कंपनियां कदम नहीं उठाती हैं तो उनके खिलाफ कार्रवाई करने का रास्ता खुला हुआ है।’ वैसे, प्रसाद भी मानते हैं कि मोबाइल टावरों को हटाने की जो मुहिम शुरू हुई है उसकी वजह से यह समस्या बढ़ी है। एक समाचार चैनल के कार्यक्रम में प्रसाद ने साफ तौर पर कहा कि अगर लोग अपनी छतों पर टावर लगाने की इजाजत नहीं देंगे तो कॉल ड्रॉप की समस्या दूर नहीं हो सकेगी।

उद्योग सूत्रों के मुताबिक मोबाइल टावरों के विकरण से स्वास्थ्य पर होने वाले असर को लेकर देश के कई हिस्सों से लोगों ने टावरों को अपने क्षेत्र से निकालने की मुहिम शुरू कर दी है। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में कम से कम दो दर्जन टावरों को हटा दिया गया है। ज्यादातर टावर घनी बस्तियों से हटाए गए हैं। विश्व व्यापार संगठन की रिपोर्ट और देश के विभिन्न न्यायालयों के फैसलों में टावरों से स्वास्थ्य पर कोई विपरीत असर नहीं पड़ने की बात होने के बारे में बताने के बावजूद लोग टावर लगाने को तैयार नहीं हैं।

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