आइपीओ से जुटाए 6,000 करोड़
इंडिया इंक ने आइपीओ (आरंभिक सार्वजनिक निर्गम) के जरिये वित्त वर्ष 2012-13 में 6,000 करोड़ रुपये जुटाए। पिछले साल के मुकाबले इसमें चार फीसद की वृद्धि हुई है। स्टॉक एक्सचेंजों के आंकड़ों के मुताबिक, दस कंपनियों ने 31 मार्च, 2013 को खत्म हुए वित्त वर्ष के दौरान कुल 6,05
नई दिल्ली। इंडिया इंक ने आइपीओ (आरंभिक सार्वजनिक निर्गम) के जरिये वित्त वर्ष 2012-13 में 6,000 करोड़ रुपये जुटाए। पिछले साल के मुकाबले इसमें चार फीसद की वृद्धि हुई है।
स्टॉक एक्सचेंजों के आंकड़ों के मुताबिक, दस कंपनियों ने 31 मार्च, 2013 को खत्म हुए वित्त वर्ष के दौरान कुल 6,059 करोड़ रुपये जुटाए। इससे पिछले वित्त वर्ष 2011-12 में 33 कंपनियों ने आइपीओ से कुल 5,808 करोड़ रुपये हासिल किए थे। वहीं, वित्त वर्ष 2010-11 में 52 कंपनियों ने आइपीओ के जरिये 33,183 करोड़ रुपये इकट्ठे किए थे।
वित्त वर्ष 2012-13 में ज्यादातर आइपीओ छोटे आकार (1,000 करोड़ रुपये से कम) के थे। इसके अलावा कुछ कंपनियों ने अपने ऑफर वापस भी ले लिए थे। इसके अलावा कई कंपनियां जरूरी अनुमति लेने के बाद भी बाजार में नहीं आई। पिछले साल सबसे बड़ा आइपीओ भारती इंफ्राटेल का था। इंफ्राटेल के आइपीओ ने बाजार से 4,118 करोड़ रुपये जुटाए। यह अक्टूबर, 2010 में कोल इंडिया के 15,475 करोड़ रुपये जुटाने के बाद बाजार में आया सबसे बड़ा आइपीओ था।
पिछले वित्त वर्ष के दौरान तीन आभूषण निर्माता पीसी ज्वैलर्स, त्रिभुवनदास भीमजी झवेरी और तारा ज्वैलर्स भी पूंजी बाजार में उतरे। पीसी ज्वैलर्स ने 609 करोड़ और रेटिंग एजेंसी केयर ने 504 करोड़ रुपये इकट्ठे किए। साई सिल्क, प्लास्टीन इंडिया और संवर्द्धन मदरसन फाइनेंस लिमिटेड ने बाजार में सुस्ती के चलते अपने कुल 1,832 करोड़ रुपये के ऑफर वापस लिए। रेप्को होम फाइनेंस बाजार में उतरने वाली एकमात्र पूर्ण सार्वजनिक स्वामित्व वाली कंपनी थी। कंपनी ने आइपीओ के रास्ते से 270 करोड़ रुपये इकट्ठे किए।
पिछले वित्त वर्ष के मुकाबले 2012-13 में कम कंपनियां पूंजी बाजार में उतरीं। विशेषज्ञों ने बताया कि आइपीओ का रास्ता पिछले वित्त वर्ष में कंपनियों को ज्यादा पसंद नहीं आया। घरेलू और ग्लोबल बाजार में सुस्ती छाई हुई है। इसके अलावा कई कंपनियों के शेयर इश्यू प्राइस से भी नीचे चल रहे हैं। सरकार ने भी कई कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी ऑफर फॉर सेल के रास्ते बेची है।
निवेशकों की संपत्ति में इजाफा
एक अप्रैल, 2012 से 31 मार्च, 2013 के दौरान सेंसेक्स में 1431.57 करोड़ रुपये का उछाल आया। इसके चलते पिछले वित्त वर्ष के दौरान निवेशकों की शेयरों में लगी संपत्ति में 1.73 लाख करोड़ रुपये का इजाफा हुआ। इससे निवेशकों की संपत्ति 28 मार्च, 2013 को 63,87,886 करोड़ रुपये हो गई।
एफआइआइ ने 26 अरब डॉलर झोंके
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआइआइ) ने बीते वित्त वर्ष के दौरान भारतीय शेयर बाजार में 26 अरब डॉलर (1.4 लाख करोड़ रुपये) का पूंजी निवेश किया है। यह शेयरों में विदेशी निवेश का अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा है।