सवा करोड़ टन कम रहेगी खाद्यान्न पैदावार
पिछले खरीफ सीजन में सूखा और रबी सीजन में कटाई से पहले बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि ने खाद्यान्न उत्पादन को बुरी तरह प्रभावित किया है। खाद्यान्न की पैदावार में सवा करोड़ टन से अधिक की कमी आने का अनुमान है। कृषि उपज में कुल 4.66 फीसद की कमी दर्ज की
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पिछले खरीफ सीजन में सूखा और रबी सीजन में कटाई से पहले बेमौसम बारिश व ओलावृष्टि ने खाद्यान्न उत्पादन को बुरी तरह प्रभावित किया है। खाद्यान्न की पैदावार में सवा करोड़ टन से अधिक की कमी आने का अनुमान है। कृषि उपज में कुल 4.66 फीसद की कमी दर्ज की गई है। गेहूं की पैदावार में जहां सर्वाधिक 70 लाख टन की कमी आई है तो चावल का उत्पादन 20 लाख टन तक घट गया है। इसी तरह दलहन व तिलहन की पैदावार में भी भारी गिरावट दर्ज की गई है। दलहन का उत्पादन जहां 20 लाख टन कम हुआ है तो तिलहन में 52 लाख टन की कमी दर्ज की गई है।
कृषि मंत्रालय ने सोमवार को कृषि उपज के चौथे अग्रिम अनुमान के आंकड़े जारी किए। इनके मुताबिक कृषि वर्ष 2014-15 (जुलाई से जून) में बीते खरीफ सीजन में जहां फसलें सूखे की भेंट चढ़ीं तो हाल ही में खत्म हुए रबी सीजन के दौरान बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि ने फसलों को तहस-नहस कर दिया। इसका सीधा असर फसलों की पैदावार पर पड़ा है। खाद्यान्न उत्पादन 25.2 करोड़ टन हुआ है, जो पिछले वर्ष 2013-14 के रिकॉर्ड उत्पादन 26.5 करोड़ टन से 1.30 करोड़ टन कम है।
पैदावार में आने वाली इस कमी का सीधा असर घरेलू जिंस बाजार पर दिखाई भी देने लगा है। दालों व खाद्य तेलों के मूल्य तेज हो गए हैं। ताजा अनुमान के मुताबिक चावल का कुल उत्पादन 10.48 करोड़ टन होगा, जो पिछले साल के मुकाबले लगभग 20 लाख टन कम होगा। जबकि गेहूं की पैदावार 8.89 करोड़ टन होगी, जो 70 लाख टन कम होगी। मोटे अनाज की पैदावार भी बुरी तरह प्रभावित हुई है। चालू वर्ष में पैदावार 4.17 करोड़ टन होगी, जो वर्ष 2013-14 के मुकाबले साढ़े 15 लाख टन कम होगी।
मांग के मुकाबले कम आपूर्ति से जूझ रहे दलहन और तिलहन की खेती को जबर्दस्त धक्का लगा है। दलहन की पैदावार 1.72 करोड़ टन होने का अनुमान है, जो पिछले साल के मुकाबले 20.5 लाख टन कम है। तिलहन की उपज तो 60.7 लाख घटी है। तिलहन की पैदावार 2.66 करोड़ टन होने का अनुमान है।