Move to Jagran APP

ई-रिटेल कंपनियों ने बढ़ाया डाक राजस्व

ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा उपभोक्ताओं को ऑर्डर की डिलिवरी के लिए भारतीय डाक विभाग की सेवा का उपयोग डाक विभाग के लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ है और यह राजस्व बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण जरिया बन गया है। डाक विभाग का पारंपरिक परिचालन ई-मेल और मोबाइल फोन का प्रसार बढऩे से

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Published: Wed, 29 Jul 2015 12:03 PM (IST)Updated: Wed, 29 Jul 2015 12:14 PM (IST)
ई-रिटेल कंपनियों ने बढ़ाया डाक राजस्व

मुंबई। ई-कॉमर्स कंपनियों द्वारा उपभोक्ताओं को ऑर्डर की डिलिवरी के लिए भारतीय डाक विभाग की सेवा का उपयोग डाक विभाग के लिए काफी फायदेमंद साबित हुआ है और यह राजस्व बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण जरिया बन गया है। डाक विभाग का पारंपरिक परिचालन ई-मेल और मोबाइल फोन का प्रसार बढऩे से प्रभावित हुआ था। इस क्षेत्र की संभावना को देखते हुए डाक विभाग ने देश के वाणिज्यिक केंद्र मुंबई में प्रतिबद्ध ई-वाणिज्य और पार्सल प्रसंस्करण केंद्र खोला है।

loksabha election banner

शहर के परेल इलाके में 12,000 वर्गफुट में फैली इस इकाई को कम अवधि में ही अच्छा कारोबार मिला। यह इकाई रोजाना करीब 5,000 आर्डर का संचालन करती है। कई ई-वाणिज्य कंपनियों ने भारत की सबसे पुरानी और विश्वसनीय राष्ट्रीय डाक सुविधा के साथ गठजोड़ के लिए संपर्क किया है जिनमें एमेजॉन, स्नैपडील, फ्लिपकार्ट, ई-बे, टेलीब्रांड इंडिया, टीवीसी नेटवर्क, क्विक सर्विस और रेड बाक्स शामिल हैं।

डाक विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा 'वाणिज्यिक समझौता पिछले साल से हो रहा है और अब तक हमारा मुंबई क्षेत्र में 46 ई-वाणिज्यिक कंपनियों, पुणे में सात और गोवा में छह कंपनियों के साथ गठजोड़ हुआ है।

बिजनेस सेक्शन की अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.