कारोबार सुगमता में 130वीं रैकिंग से सरकार नाखुश, मुख्य सुधारों पर वर्ल्ड बैंक ने नहीं किया विचार
कारोबारी सुगमता को लेकर विश्व बैंक की ताजा रिपोर्ट में भी भारत पिछले साल की तरह 130वें स्थान पर बना हुआ है
नई दिल्ली। कारोबारी सुगमता को लेकर विश्व बैंक की ताजा रिपोर्ट जारी की है। इसमें भी भारत पिछले साल की तरह 130वें स्थान पर बना हुआ है। रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत ने निर्माण परमिट, कर्ज हासिल करने और अन्य मानदंडों के संदर्भ में नाममात्र या फिर कोई सुधार नहीं किया है। हालांकि, भारत की पिछले साल की रैंकिंग को संशोधित कर के 131 कर दिया गया है। इस लिहाज से भारत की रैंकिंग में एक स्थान का सुधार हुआ है।
रिपोर्ट पर सरकार नाखुश
वर्ल्ड बैंक रिपोर्ट पर नाखुशी व्यक्त करते हुए केंद्र सरकार का कहना है कि इसे तैयार में उसके शुरू किए दर्जनभर सुधारों को शामिल नहीं किया गया। विश्व बैंक की इस रिपोर्ट में 190 अर्थव्यवस्थाओं का विभिन्न मानकों पर मूल्यांकन किया है। वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमन ने कहा कि केंद्र और राज्यों सरकारों ने कई प्रयास किये जिसे वर्ल्ड बैंक ने नजरअंदाज किया, जो निराशाजनक है।
मुख्य सुधार वर्ल्ड बैंक ने किये नजरअंदाज
औद्योगिक नीति और संवर्धन विभाग (डीआइपीपी) के सचिव रमेश अभिषेक ने कहा कि दिवालियापन संहिता बनाने, जीएसटी, निर्माण योजना की मंजूरी के लिए एकल खिड़की व्यवस्था, ईएसआइसी और ईपीएफओ पंजीकरण की ऑनलाइन व्यवस्था जैसे करीब दर्जनभर महत्वपूर्ण सुधारों को इस साल विश्व बैंक ने स्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि सुधारों को आगे बढ़ाने, संबंधित पक्षों से विचार-विमर्श करने और सुधारों के कार्यान्वयन की निगरानी के लिए विभाग एक बाहरी एजेंसी को नियुक्त करेगा। इसके अलावा सुधारों के कार्यान्वयन में शामिल विभागों से प्रेक्षकों की नियुक्ति के लिए भी कहा जाएगा। वे व्यापार और उद्योग जगत की प्रतिक्रियाएं हासिल करेंगे जिससे ये पता चल सके कि सुधारों को जमीनी स्तर पर महसूस किया जा रहा है अथवा नहीं।