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आयकर बकाया बढ़कर हुआ सात लाख करोड़

बकाया टैक्स पहाड़ जितना और इसकी वसूली की रफ्तार रत्ती भर। यह हाल वर्षो से लंबित पड़ी आयकर की बकाया मांग का है।

By Manish NegiEdited By: Published: Fri, 11 Mar 2016 08:13 PM (IST)Updated: Fri, 11 Mar 2016 08:18 PM (IST)
आयकर बकाया बढ़कर हुआ सात लाख करोड़

नई दिल्ली। बकाया टैक्स पहाड़ जितना और इसकी वसूली की रफ्तार रत्ती भर। यह हाल वर्षो से लंबित पड़ी आयकर की बकाया मांग का है। कैग रिपोर्ट ने महत्वपूर्ण खुलासा करते हुए कहा है कि वित्त वर्ष 2014-15 में आयकर की बकाया मांग बढ़कर 7,00,148 लाख करोड़ हो गयी है। खास बात यह है कि इस धनराशि का 96.1 प्रतिशत वसूलना संभव नहीं है।

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भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) की यह महत्वपूर्ण रिपोर्ट शुक्रवार को लोकसभा में पेश हुई। कैग रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2013-14 में आयकर की बकाया मांग 5,75,340 करोड़ रुपये थी, जो 2014-15 में बढ़कर 7,00,148 लाख करोड़ रुपये गयी है। इस तरह एक साल के भीतर ही इसमें 1,31,424 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है। हाल के वर्षो में आयकर की बकाया मांग में यह वृद्धि काफी अधिक है। इससे पहले वित्त वर्ष 2011-12 में 1,43,378 लाख करोड़ रुपये वृद्धि हुई थी।

कैग का कहना अपर्याप्त परिसंपत्ति, करदाता का अता-पता मालूम न होने तथा अदालती कार्यवाही के चलते इस भारी भरकम मांग में से 96.1 प्रतिशत को वसूलना मुश्किल है। कैग ने कहा कि आयकर कानून में कर वसूली और बकाया कर मांग की वसूली के लिए चल और अचल संपत्ति के अटैचमेंट और कारावास जैसी सजा का प्रावधान होने के बावजूद इतनी बड़ी कर मांग बकाया पड़ी है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कॉरपोरेट और गैर कॉरपोरेट करदाताओं के मामले में वर्ष 2014-15 में स्वैच्छिक पालन में कमी आई है। हालांकि, हाल के वर्षो में गैर-कॉरपोरेट करदाताओं की संख्या में खासी वृद्धि हुई है। वर्ष 2013-14 में गैर कॉरपोरेट करदाताओं की संख्या 3.04 करोड़ थी जो 2014-15 में बढ़कर 3.60 करोड़ हो गयी है। इस तरह इसमें 18 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। इसी तरह इस अवधि मंे कॉरपोरेट करदाताओं की संख्या 6.36 लाख से बढ़कर 6.75 लाख हो गयी है। कॉरपोरेट करदाताओं की संख्या में 6.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

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