आयात से मिलेगी महंगाई को मात
महंगाई को आयात से मात देने की तैयारी है। चीनी के आयात शुल्क में कटौती व दालों के अतिरिक्त आयात पर विचार किया जा रहा है..
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बढ़ाने और कीमतों पर काबू पाने की रणनीति के तहत सरकार ने अपनी तैयारियां पहले से ही शुरु कर दी है। महंगाई को आयात से मात देने की तैयारी है। चीनी के आयात शुल्क में कटौती व दालों के अतिरिक्त आयात पर विचार किया जा रहा है।
चालू पेराई सीजन के दौरान चीनी उत्पादन में आई गिरावट के मद्देनजर सरकार के कान खड़े हो गये हैं। घरेलू जिंस बाजारों में चीनी मूल्य को थामने की तैयारियों के तहत आयात शुल्क घटाने पर विचार किया जा रहा है। इससे जिंस बाजार में चीनी का आयात भले न हो सके, लेकिन कीमतें काबू में रहेंगी। सूत्रों के मुताबिक इसी रणनीति के तहत चीनी के मौजूदा आयात शुल्क 40 फीसद को घटाया जा सकता है। इससे घरेलू बाजार में चीनी के दाम नहीं बढ़ सकेंगे। चीनी बाजार पर काबू पाने के लिए सरकार ने पहले ही स्टॉक सीमा लगा रखी है। हालांकि इस मसौदे को आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति से मंजूरी मिलनी जरूरी है।
दूसरी सबसे संवेदनशील जिंस दालें हो गई हैं। पिछले सालों में दालें 200 से ढाई सौ रुपये प्रति किलो बिक गईं, जिससे सरकार की काफी फजीहत हुई है। इस असहज स्थिति से बचने के लिए सरकार ने दालों के मामले में कई प्रावधान पहले ही कर दिया है। दालों की भंडारण सीमा लागू कर दी है जो आयातित दालों पर भी लागू है। पिछले खरीफ सीजन में 50 हजार टन दालों की खरीद से बफर स्टॉक स्थापित कर दिया था। चालू रबी खरीद सीजन में भी एक लाख टन दाल खरीदने का लक्ष्य है।
महंगाई पर नियंत्रण पाने के लिए सरकार ने 900 करोड़ रुपये की लागत से मूल्य स्थिरीकरण निधि (पीएसएफ) का गठन किया है। इससे आवश्यक वस्तुओं की मांग व आपूर्ति बनाये रखने में सहूलियत मिलेगी। इन दिनों इस निधि के उपयोग से उत्पादक मंडियों में प्याज की खरीद की जा रही है, ताकि कीमतों को घटने से रोका जा सके।