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दालों के दाम बढ़े तो राज्य होंगे जिम्मेदार

केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहा 'इस बंदोबस्त के बावजूद दालों के दाम बढ़े तो सीधे-सीधे राज्य जिम्मेदार होंगे।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Wed, 04 May 2016 08:36 PM (IST)Updated: Wed, 04 May 2016 10:27 PM (IST)
दालों के दाम बढ़े तो राज्य होंगे जिम्मेदार

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। दालों की मांग व आपूर्ति के अंतर पाटने के लिए केंद्र सरकार ने पुख्ता बंदोबस्त करने का दावा किया है। केंद्रीय खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने कहा 'इस बंदोबस्त के बावजूद दालों के दाम बढ़े तो सीधे-सीधे राज्य जिम्मेदार होंगे।' प्रत्येक राज्य से उनकी जरूरत के बारे में लगातार पूछा जा रहा है। इसके बावजूद बहुत कम राज्यों ने दालों के बारे में अपनी आवश्यकता का ब्यौरा भेजा है।

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खाद्य मंत्री पासवान ने कहा कि इस बारे में बताया कि अब तक दिल्ली, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना को उनकी मांग के मुताबिक दालों की आपूर्ति कर दी गई है। जबकि महाराष्ट्र ने 30 हजार टन दालों की मांग की है, जिसमें अरहर और उड़द की दालें ही हैं। लेकिन राज्य की ओर से यह मांग मौखिक ही है। इसलिए दालों का आवंटन नहीं किया जा सका है।

पासवान ने बताया कि राजस्थान, हरियाणा और कर्नाटक को दालें तो चाहिए, लेकिन इन राज्यों ने केवल फोन यह बात कही है। इन राज्यों की ओर से औपचारिक मांग पत्र नहीं भेजा गया है। बताया गया कि बिना औपचारिक मांग के दालें जारी नहीं हो सकेंगी। बिहार और उत्तर प्रदेश पर टिप्पणी करते हुए पासवान ने कहा कि इन दोनों राज्यों में दालों के दाम भले ही तेज हो रहे हों, उन्हें इसकी चिंता नहीं है। यहां से कोई अनुरोध नहीं मिला है।

राजधानी दिल्ली में दालों की आपूर्ति बढ़ाने के लिए केंद्रीय भंडार और सफल को चार सौ टन दालों की आपूर्ति की गई है। दालों की बिक्री के लिए अधिकतम बिक्री मूल्य 120 रुपये किलो निश्चित कर दिया गया है। दालें किसी भी हालत में इससे अधिक पर नहीं बेची जा सकती हैं।

पासवान ने बताया कि चालू फसल वर्ष में दालों की कुल घरेलू मांग 2.37 करोड़ टन होने का अनुमान है। जबकि कुल आपूर्ति 2.29 करोड़ टन है। आठ लाख टन की कमी को पूरा करने में सरकार जी जान से जुटी हुई है। प्राइवेट प्रतिष्ठानों से दालों काआयात 58 लाख टन हो चुका है। सरकार ने घरेलू स्तर पर बफर स्टाक बनाया है, जिसमें 50 हजार टन खरीफ सीजन में दालें खरीदी गई और रबी सीजन में कुल एक लाख टन दालें खरीदी जानी है।

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