हाउसिंग डॉट कॉम ने सीईओ राहुल यादव को किया बर्खास्त
रीयल एस्टेट से जुड़ी ऑनलाइन कंपनी हाउसिंग डॉट कॉम में काफी समय से चल रहा ड्रामा बुधवार को खत्म हो गया।
मुंबई। रीयल एस्टेट से जुड़ी ऑनलाइन कंपनी हाउसिंग डॉट कॉम में काफी समय से चल रहा ड्रामा बुधवार को खत्म हो गया। कंपनी के निदेशक बोर्ड ने सह-संस्थापक और सीईओ राहुल यादव को बर्खास्त कर दिया है। हाउसिंग डॉट कॉम के बोर्ड ने उन पर निवेशकों, साझेदारों और मीडिया के साथ गैरजिम्मेदाराना व्यवहार करने का आरोप लगाया है। बोर्ड के मुताबिक राहुल यादव का व्यवहार उनके पद की गरिमा के मुताबिक नहीं था और इस वजह से कंपनी की छवि खराब हुई है। बोर्ड बैठक के बाद यादव को कंपनी से फौरन निकल जाने के लिए कहा गया। जबकि राहुल यादव ने दो महीने पहले ही कंपनी के बोर्ड को बौद्धिक रूप से दिवालिया बताते हुए इस्तीफा दे दिया था, हालांकि उस वक्त बोर्ड ने उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया था। उसके बाद राहुल यादव ने कंपनी के अपने 250 करोड़ रुपये के शेयर कर्मचारियों में बांट दिए थे, तभी से उनके कंपनी छोड़ने की अटकलें लगाई जा रही थी।
सूत्रों के मुताबिक सॉफ्ट बैंक के वकीलों ने किसी तरह की हिंसा की आशंका से पुलिस भी बुलाई थी, लेकिन राहुल यादव बिना किसी विरोध के शांतिपूर्ण ढंग से कंपनी छोड़कर चले गए। इस पूरे ड्रामेटिक मामले की खास बात यह रही कि बोर्ड ने कंपनी में यादव के योगदान के लिए उन्हें धन्यवाद देने के साथ ही उज्जवल भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दीं। अब कंपनी नए अंतरिम सीईओ की तलाश कर रही है। कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यादव अब किसी भी रूप में न तो उसके कर्मचारी हैं और न ही हिस्सेदार।
उधर ऐसी खबरे भी आ रही है कि हाउसिंग डॉट कॉम बिकने के कगार पर है और ऑनलाइन सेकेंड हैंड सामान की बिक्री करने वाली साइट क्विकर डॉट कॉम हाउसिंग डॉट कॉम को खरीदने की तैयारी कर रही है। हालांकि दोनों ही कंपनियों की तरफ से अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
आईआईटी से ड्रॉपआउट हैं राहुल यादव
अलवर के रहने वाले राहुल यादव आईआईटी मुंबई से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहे थे की तभी सत्र के आखिरी साल में उन्होंने हाउसिंग डॉट कॉम कंपनी की शुरुआत की। उन्होंने अपनी कंपनी के लिए पढ़ाई छोड़ दी थी और अपने कॉलेज के दोस्तों के साथ साल 2012 में रीयल एस्टेट कंपनी शुरू की थी। पिछले साल नवंबर में कंपनी का वैल्युएशन करीब 1,500 करोड़ रुपये का था। दिसंबर में हाउसिंग डॉट कॉम ने जापानी कंपनी सॉफ्टबैंक और अन्य निवेशकों से नौ करोड़ डॉलर (करीब 540 करोड़ रुपये) जुटाए थे। यादव ने महज दो साल में कंपनी को 821.21 करोड़ रुपए का निवेश दिलाया था। बता दें कि देशभर में 100 से अधिक शहरों में हाउसिंग डॉट कॉम के कर्मचारियों की संख्या 2,551 है।
बोर्ड सदस्यों की बौद्धिक क्षमता पर उठाया था सवाल
राहुल यादव ने कुछ माह पहले निदेशक बोर्ड के सदस्यों को बौद्धिक रूप से दिवालिया कहते हुए इस्तीफा दे दिया था। हालांकि, बाद में उन्होंने इस्तीफा वापस ले लिया था। तभी से वह लगातार चर्चा में थे और मीडिया व सोशल मीडिया में उन्हें खासी लोकप्रियता हासिल हुई थी। जब उन्होंने अपने 250 करोड़ के शेयर हाउसिंग.कॉम के कर्मियों में बांटे थे तो उन्हें कारपोरेट जगत का 'अरविंद केजरीवाल' कहा जाने लगा था। जाहिर तौर पर उनकी यह छवि उनके लीक से अलग हटकर चलने के अंदाज के कारण बनी।
एपल के स्टीव जॉब्स के साथ भी हुई थी ऐसी ही घटना
इसी तरह 1985 में स्टीव जॉब्स को उन्हीं की कंपनी 'एपल' से निकाल दिया गया था। इसके पीछ वो शख्स था, जिसे जॉब्स ही 'एपल' लेकर आए थे। जॉन स्कली पेप्सिको में थे। एप्पल से जुड़ने के लिए स्कली को जॉब्स ने ही मनाया था। 1983 में 'लीसा' के लॉन्च के बाद स्कली 'एपल' से जुड़ गए। कुछ समय बाद ही स्कली ने बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के सामने खुद को 'एपल' का सीईओ बनाने का प्रस्ताव रख दिया। यही वह वक्त था, जब जॉब्स को 'एपल' से निकाला गया था।