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ई-कॉमर्स कंपनियों की राह आसान बनाएगा जीएसटी

एक अध्ययन में सामने आया है कि जीएसटी के लागू हो जाने से ई कॉमर्स की राह आसान होगी। इनमें टैक्सेशन, लॉजिस्टिक्स, पेमेंट, इंटरनेट की पहुंच और कुशल श्रम शक्ति की समस्याएं प्रमुख हैं।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Sat, 23 Apr 2016 09:01 PM (IST)Updated: Sat, 23 Apr 2016 09:09 PM (IST)
ई-कॉमर्स कंपनियों की राह आसान बनाएगा जीएसटी

नई दिल्ली, प्रेट्र। जीएसटी देश में तेजी से बढ़ रहे ई-कॉमर्स कारोबार की राह आसान करेगा। इसके लागू होने पर टैक्सेशन और लॉजिस्टिक्स से जुड़े तमाम मुद्दों का हल निकालने में मदद मिलेगी। एक अध्ययन में यह बात कही गई है।

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सीआइआइ-डेलॉयट ने देश में ई-कॉमर्स उद्योग पर एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें कहा गया है कि यह तेजी से बढ़ा है, लेकिन कई चुनौतियां सामने आई हैं। इनमें टैक्सेशन, लॉजिस्टिक्स, पेमेंट, इंटरनेट की पहुंच और कुशल श्रम शक्ति की समस्याएं प्रमुख हैं। टैक्सेशन का उदाहरण देते हुए कहा गया कि एकसमान टैक्स स्ट्रक्चर नहीं होने की वजह से देश में वस्तुओं के मुक्त प्रवाह में बाधा आती है। दोहरा-कराधान जैसे मुद्दे भी इसी का नतीजा हैं। हालांकि, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से एकसमान टैक्स स्ट्रक्चर के जरिये ऐसी चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी। जीएसटी में ई-कॉमर्स ट्रांजैक्शन के लिए स्पष्ट नियम और इन नियमों को बनाने में सलाहकार दृष्टिकोण सरकार और ई-कॉमर्स कंपनियों दोनों के पक्ष में होगा।

रिपोर्ट यह भी कहती है कि डिजिटल इंडिया, मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और स्किल इंडिया जैसे कार्यक्रमों का समय से और प्रभावी क्रियान्वयन ई-कॉमर्स वातावरण को समर्थन देगा। इससे ग्रामीण इंटनरेट पहुंच की दिक्कतों और कुशल श्रम शक्ति से जुड़ी चुनौतियों से निपटने में मदद मिलेगी। रिपोर्ट में इस सेक्टर को प्रोत्साहित करने के लिए प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में कई उपाय सुझाए गए हैं। इसमें कहा गया है कि दस्तावेज संबंधी जरूरतों को आसान किया जाना चाहिए। पॉलिसी के साथ प्रशासन के मामले में अप्रत्यक्ष कर का माहौल भी उद्योग की क्षमता का लाभ उठाने में महत्वपूर्ण साबित होगा। इनसे जुड़े कानूनों को विकसित और दोबारा तैयार करने की जरूरत है।

रिपोर्ट के अनुसार, राज्य और स्थानीय निकायों को सुनिश्चित करना होगा कि व्यापक कर को एक जैसा समझा जाए। साथ ही इसका क्रियान्वयन सेक्टर की ग्रोथ में मदद करे। जीएसटी कानूनों को विक्रेता की कर देनदारी का निर्धारण करने के लिए ट्रांजैक्शन की वास्तविक प्रकृति को ध्यान में रखना चाहिए।

क्लाउडबाय की वेबसाइट लांच
ब्रिटेन की कंपनी क्लाउडबाय ने सीआइआइ के साथ मिलकर वेबसाइट शुरू की है। एक्सपो मार्ट परिसर में आयोजित तीन दिवसीय ग्लोबल एक्जिबिशन के दौरान इसे लांच किया गया।
कंपनी के इंडिया हेड निलेश गोपाली ने बताया कि क्लाउडबाय सीआइआइ ट्रेड डॉट इन नाम की वेबसाइट के माध्यम से बाजार में उतर रही है। इस पर बायर व सेलर आपस में उत्पाद को लेकर बातचीत कर सकेंगे। उत्पाद की गुणवत्ता, कंपनी की पृष्ठभूमि के बारे में खरीदार स्वयं जांच कर सकेंगे। वेबसाइट की भूमिका सिर्फ बायर को सेलर से मिलाने तक सीमित होगी। पहले चरण में सेलर को साइट पर पंजीकरण कराने के लिए लॉगिन करना होगा। खरीदार पसंद की चीजें साइट पर तलाश कर सीधे सेलर से मोलभाव कर सकेंगे।

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