जानें.. जीएसटी का किस बिजनेस पर क्या पड़ेगा असर
गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के आने के बाद भारत में बिजनेस का तरीका पूरी तरह से बदल जाएगा।
नई दिल्ली। भारत में अप्रत्यक्ष करों ने भारत के बिजनेस और सप्लाई चेन को बदल कर रख दिया था। गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के आने के बाद भारत में बिजनेस का तरीका पूरी तरह से बदल जाएगा।
देश के प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों के जरिये करीब 14.6 लाख करोड़ रुपए कर जमा होता है। इसमें से करीब 34 फीसद अप्रत्यक्ष करों के जरिये मिलता है, जिसमें एक्साइज के जरिये 2.8 लाख करोड़ रुपए और सर्विस टैक्स के जरिये 2.1 लाख करोड़ रुपए मिलते हैं।
जीएसटी के लागू होने के बाद माना जा रहा है कि एक्साइज, राज्य स्तरीय वैट और सर्विस टैक्स खत्म हो जाएंगे।
विभिन्न सेक्टर्स पर असर
- सीमेंट उद्योग पर इसका सकारात्मक असर पड़ेगा।
- उपभोक्ता उत्पादों पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
- एफएमसीजी पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
- फार्मास्युटिकल सेक्टर पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
- ऑटोमोबाइल सेक्टर पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
- आईटी सेक्टर पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
- मीडिया पर नकारात्मक असर पड़ेगा।
- टेक्सटाइल पर कर दरों का नकारात्मक असर, लेकिन ओवर ऑल सकारात्मक असर पड़ेगा।
- टेलीकम्युनिकेशन पर कर दरों का न्यूट्रल असर, लेकिन ओवर ऑल नकारात्मक असर पड़ेगा।
- मैटल्स पर कर दरों का नकारात्मक असर, जबकि समग्रता से देखें, तो सकारात्मक असर पड़ेगा।
उपभोक्ता उत्पाद
वर्तमान में उपभोक्ता उत्पादों पर सात से 30 फीसद कर लगता है। जीएसटी के लगने से कंपनियों को अधिक फायदा होगा, जिन्हें अतीत में कर छूट नहीं मिलती थी। इससे संगठित और असंगठित क्षेत्र में के बीच कीमतों में अंर कम होगा। माना जा रहा है कि सातवें वेतन आयोग के लगने के बाद मांग में तेजी आएगी और इस साल उपभोक्ता उत्पादों की खरीद बढ़ेगी। हैवेल्स, बजाज इलेक्ट्रॉनिक्स, वोल्टास जैसी कंपनियों को फायदा होगा।
लॉजिसि्टक्स
जीएसटी के लागू होने से सामान के लाने ले जाने में लगने वाले समय में कमी आएगी। इससे ट्रकों का अधिकतम उपयोग हो सकेगा। ऐसा होने पर भारी-भरकम बड़े ट्रकों का अधिकतम उपयोग हो सकेगा, जिससे ट्रांसपोर्टेशन की लागत में कमी आएगी।
इसके साथ ही सामानों का अंतरराज्यीय परिवहन आसान होगा, जिससे लॉजिस्टिक सर्विस की मांग में इजाफा होगा। जीएसटी के कारण लॉजिस्टिक सेक्टर में काम करने वाले असंगठित प्लेयर्स और संगठित प्लेयर्स के बीच कीमतों का अंतर खत्म होगा।
दरअसल, कई असंगठित कंपनियां कर चोरी करती हैं और इसलिए वह कीमत पर सामान पहुंचाने की पेशकर कर पाती हैं। एक जैसी कर दरें होंने से संगठित क्षेत की गति, ब्ल्यू डार्ट, ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन ऑफ इंडिया जैसी कंपनियों को फायदा होगा।
इन पर नहीं लगेगा जीएसटी
पेट्रोलियम उत्पादों पर
पंचायत/जिला काउंसिलों/ म्युनिसिपलों द्वारा लगाए गए और वसूले गए मनोरंजन कर पर
शराब के उपभोग पर कर
स्टैंप ड्यूटी और कस्टम ड्यूटी
बिजली के उपभोग और बिक्री पर कर
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