जीएसटी को शीर्ष प्राथमिकता देगी सरकारः जेटली
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। साथ ही, उन्होंने उम्मीद जताई कि शीतकालीन सत्र में दिवालियापन संहिता संसद में पेश की जाएगी। साथ ही, कहा कि कारपोरेट टैक्स चार साल में एक समान होगा।
न्यूयार्क। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है। साथ ही, उन्होंने उम्मीद जताई कि शीतकालीन सत्र में दिवालियापन संहिता संसद में पेश की जाएगी। साथ ही, कहा कि कारपोरेट टैक्स चार साल में एक समान होगा।
उन्होंने अमेरिका में कोलंबिया विश्वविद्यालय में छात्रों व अध्यापकों की सभा में कहा कि आने वाले महीनों के लिए तय रूपरेखा में जीएसटी शीर्ष प्राथमिकता पर होगा। मेरी दिवालियापन संहिता बिल्कुल तैयार है, उम्मीद है कि मैं इसे शीतकालीन सत्र में संसद में ले जाऊंगा।
उनके मुताबिक, अन्य विधाई सुधार जिनकी जरूरत है, उन्हें इनके पारित होने में कोई समस्या नहीं दिखती। वित्त मंत्री ने कहा कि बहुत से फैसले कार्यकारी स्तर पर लिए जाने वाले हैं। जीएसटी पर कहा कि कांग्रेस ने संसद में हंगामा खड़ा कर (पिछले सत्र में) इसे पारित नहीं होने दिया।
भारत में आकांक्षाएं बढ़ाने की क्रांति अच्छा संकेत
जेटली ने कहा कि संपूर्ण विश्व को अपनी आर्थिक वृद्धि बढ़ाने के लिए चीन के अलावा कुछ अतिरिक्त कंधों की जरूरत है। यह भारत के लिए एक खास मौका है। कोलंबिया विश्वविद्यालय में जेटली ने कहा कि भारत में आकांक्षाएं बढ़ाने की क्रांति अच्छा संकेत है। भारत अब ऐसी स्थिति में पहुंच गया है, जबकि वह छह से आठ प्रतिशत की वृद्धि दर से संतुष्ट नहीं है। ज्यादातर भारतीयों का मानना है कि मेरी आठ प्रतिशत की सामान्य वृद्धि दर, शायद, नौ प्रतिशत के करीब या इससे अधिक का संकेतक है।
उन्होंने कहा कि नीति-निर्माताओं पर जो दबाव बन रहा है उसमें मुझे कुछ भी गलत नजर नहीं आता क्योंकि जितनी तेजी से आप आगे बढ़ते हैं, सरकार के लिए उतना ही अच्छा है। विश्व के सबसे मजबूत कंधों में से चीन था। विश्व को अब वृद्धि दर को प्रोत्साहित करने के लिए कुछ अतिरिक्त कंधों की जरूरत है।