कोल इंडिया से सरकार को मिलेंगे 8400 करोड़
नई दिल्ली। सरकार ने कोल इंडिया में 5 फीसद हिस्सेदारी बेचने का फैसला लिया है। इससे सरकारी खजाने को चौरासी सौ करोड़ रुपये से अधिक की राशि मिलने की उम्मीद है। कंपनी ने इसके लिए मर्चेट बैंकरों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वहीं, सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए कर्मचारी संघ ने 1
नई दिल्ली। सरकार ने कोल इंडिया में 5 फीसद हिस्सेदारी बेचने का फैसला लिया है। इससे सरकारी खजाने को चौरासी सौ करोड़ रुपये से अधिक की राशि मिलने की उम्मीद है। कंपनी ने इसके लिए मर्चेट बैंकरों की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है। वहीं, सरकार के इस फैसले का विरोध करते हुए कर्मचारी संघ ने 19 सितंबर से तीन दिन की हड़ताल को लेकर नोटिस दिया है। यदि ऐसा होता है तो कंपनी के उत्पादन में 30 लाख टन की कमी आ सकती है।
विनिवेश विभाग ने कहा कि सरकार ने बिक्री पेशकश के माध्यम से शेयर बाजारों में कोल इंडिया में 5 प्रतिशत हिस्सेदारी या 31.58 करोड़ से अधिक शेयर बेचने की योजना बनाई है। सरकार के पास फिलहाल कोल इंडिया की 90 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इस लिहाज से सरकारी खजाने को 8,463 करोड़ रुपये मिलेंगे। सरकार विनिवेश कार्यक्रम के प्रबंधन के लिए सात मर्चेट बैंकरों का चयन करेगी। इसके लिए 26 अगस्त तक बोली मांगी गई है।
सरकार कोल इंडिया के कर्मचारियों को निम्न कीमत दायरे पर 5 प्रतिशत रियायती भाव पर शेयर आवंटित करेगी। विनिवेश विभाग की शुरू में कोल इंडिया में 10 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की योजना थी, लेकिन कर्मचारी संगठनों ने इसका पुरजोर विरोध, जिसके कारण विनिवेश की मात्रा कम की गई। लेकिन, कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन अब भी जारी है। हालांकि, कोयला मंत्री श्रीप्रकाश जयसवाल ने कहा है कि सरकार ने अपने 10 फीसद हिस्सा बेच रही है थी लेकिन केवल 5 फीसद ही बेचा जा रहा है। अब इससे कम नहीं किया जा सकता। हम यूनियन से बातचीत क रहे हैं और मुझे विश्वास है कि मामले को सुलझा लिया जाएगा।