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फिर शुरू होगा बड़े पैमाने पर विनिवेश

मोदी सरकार ने 'बिग-बैंग विनिवेश' का श्रीगणेश कर दिया है। सार्वजनिक क्षेत्र की तीन दिग्गज कंपनियों-ओएनजीसी, कोल इंडिया व एनएचपीसी में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी बेचने के लिए जल्द ही विनिवेश कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए)

By Edited By: Published: Thu, 11 Sep 2014 05:38 AM (IST)Updated: Thu, 11 Sep 2014 09:04 AM (IST)
फिर शुरू होगा बड़े पैमाने पर विनिवेश

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मोदी सरकार ने 'बिग-बैंग विनिवेश' का श्रीगणेश कर दिया है। सार्वजनिक क्षेत्र की तीन दिग्गज कंपनियों-ओएनजीसी, कोल इंडिया व एनएचपीसी में केंद्र सरकार की हिस्सेदारी बेचने के लिए जल्द ही विनिवेश कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में इस संबंध में प्रस्ताव पारित कर दिया गया। इससे केंद्र सरकार को चालू वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान 43,000 करोड़ रुपये का राजस्व हासिल होने की उम्मीद है। कैबिनेट की बैठक में जन धन योजना की प्रगति का भी जायजा लिया गया।

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कोल इंडिया (सीआइएल) में सरकार 10 फीसद हिस्सेदारी बेचेगी, जबकि ओएनजीसी में पांच फीसद व एनएचपीसी में 11.36 फीसद इक्विटी बेची जाएगी। कोल इंडिया में विनिवेश से सरकार को 23,000 करोड़ व ओएनजीसी से 18,000 करोड़ रुपये आने की उम्मीद है। यह राशि सरकार को राजकोषीय संतुलन बनाने में काफी मदद करेगी। मोदी सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान 43,425 करोड़ रुपये विनिवेश से प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है। कमोबेश यह राशि उक्त तीनों कंपनियों में विनिवेश से ही हासिल हो जाएगी। पिछली सरकार संप्रग-दो के पूरे कार्यकाल में कभी भी विनिवेश लक्ष्य का हासिल नहीं कर पाई। सरकारी स्टील कंपनी सेल में विनिवेश की तैयारी भी पूरी है। सेल में सरकारी इक्विटी की बिक्री इस महीने ही पूरी की जा सकती है।

पिछली सरकार ने भी इन कंपनियों में विनिवेश करने का फैसला किया था, लेकिन बाजार की स्थिति की वजह से इन्हें लागू नहीं किया गया। अब शेयर बाजार के बेहतर हालात को देखते हुए राजग सरकार इन तीनों सरकारी उपक्रमों (पीएसयू) मे विनिवेश कार्यक्रम को जल्द से जल्द अमली जामा पहनाना चाहती है। सरकार की तेजी इस बात से समझी जा सकती है कि कैबिनेट से फैसला होने से पहले ही ओएनजीसी व एनएचपीसी विनिवेश के लिए बैंकों का चयन हो चुका है। कोल इंडिया के लिए भी अगले कुछ दिनों में बैंकरों का चयन हो जाएगा। ये बैंक ही विनिवेश कार्यक्रम को आगे बढ़ाते हैं।

जन धन में खुले तीन करोड़ खाते:

बुधवार को कैबिनेट की एक अलग बैठक भी हुई। इसमें पिछले महीने की 28 तारीख को शुरू की गई प्रधानमंत्री जन धन योजना की भी समीक्षा की गई। अब तक इस योजना के तहत तीन करोड़ खाते खोले जा चुके हैं।

कश्मीर में पनबिजली परियोजना:

कैबिनेट ने जम्मू व कश्मीर में पाकल डल पनबिजली परियोजना को भी मंजूरी दी है। 1,000 मेगावॉट क्षमता की इस परियोजना पर 8,112.12 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह परियोजना एनएचपीसी जम्मू-कश्मीर राज्य विकास के साथ संयुक्त उपक्रम के तहत लगा रही है।

निर्यात बीमा का पूंजी आधार बढ़ा:

इस बैठक में कैबिनेट ने विदेश में भारतीय कंपनियों की तरफ से लगाई जा रही परियोजनाओं को मदद देने के लिहाज से राष्ट्रीय निर्यात बीमा खाता के पूंजी आधार बढ़ाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी गई। अब इसका पूंजी आधार 4,000 करोड़ रुपये हो जाएगा।

-सीसीईए के फैसले:

-ओएनजीसी, कोल इंडिया और एनएचपीसी में बिकेगी हिस्सेदारी

-सरकार को हासिल होगा 43,000 करोड़ रुपये का राजस्व

-महासेल:

कंपनी, हिस्सेदारी विनिवेश, राजस्व

कोल इंडिया , 10.0 , 23,000

ओएनजीसी , 5.0 , 18,000

एनएचपीसी , 11.36 , 2,300

(विनिवेश फीसद में व राजस्व करोड़ रुपये में)

पढ़ें: विनिवेश को लेकर उलझन में पड़ी सरकार

पढ़ें: अब होगा बिग-बैंग विनिवेश


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