ब्याज दरें तय करने वाली समिति के लिए सरकार ने तीन सदस्य नियुक्त किए
सरकार ने गुरुवार को मौद्रिक नीति समिति में तीन सदस्यों की नियुक्ति कर दी है। ये तीनों सदस्य अब रिजर्व बैंक के नामित सदस्यों के साथ मिलकर आगामी मौद्रिक समिति समीक्षा में मुख्य नीतिगत दर पर फैसला ले सकते हैं।
नई दिल्ली: सरकार ने गुरुवार को मौद्रिक नीति समिति में तीन सदस्यों की नियुक्ति कर दी है। ये तीनों सदस्य अब रिजर्व बैंक के नामित सदस्यों के साथ मिलकर आगामी मौद्रिक समिति समीक्षा में मुख्य नीतिगत दर पर फैसला ले सकते हैं। आपको बता दें कि यह समिति खुदरा मुद्रास्फीति को चार फीसदी के लक्षित स्तर पर रखने के मकसद से ही मौद्रिक नीति की समीक्षा करेगी।
इन तीनों को किया गया नियुक्त:
नए आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल की अध्यक्षता में मौद्रिक नीति समिति में जिन लोगों को नियुक्त किया है उनमें भारतीय सांख्यिकी संस्थान के प्रोफेसर चेतन घाटे, दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स के निदेशक पमी दुआ और आईआईएम अहमदाबाद के प्रोफेसर रवींद्र एच ढोलकिया का नाम शामिल है।
कितने सालों के लिए हुई नियुक्ति:
एक सरकारी नोटिस के अनुसार मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति (एसीसी) इन तीनों विशेषज्ञों के नाम मौद्रिक नीति समिति के सदस्य के तौर पर चुने हैं, जो चार साल तक अपनी सेवाएं देंगे। वहीं आरबीआई के नामित सदस्यों में डिप्टी गवर्नर और केंद्रीय बैंक का एक और प्रतिनिधि शामिल होगा। घाटे में पांच सदस्यीय तकनीकी सलाहकार समिति का हिस्सा थे जो प्रत्येक मौद्रिक समीक्षा से पहले आरबीआई गवर्नर को ब्याज दरों पर सलाह प्रदान करते थे।
गौरतलब है कि वित्त वर्ष 2016-17 में आरबीआई की चौथी द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा 4 अक्टूबर को प्रस्तावित है, जिसमें ब्याज दरों पर फैसले की संभावना जताई जा रही है।