ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क के जरिए घर-घर पहुंचाया जाएगा ब्रॉडबैंड
सरकार टेलीविजन की तरह देश भर में ब्रॉडबैंड के जरिये इंटरनेट पहुंचाना चाहती है। इसके लिए सरकार नेशनल ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क का इस्तेमाल कर पहले चरण में ढाई लाख ग्राम पंचायतों को जोड़ेगी। इस काम में तीन साल का वक्त लगेगा। संचार व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के
नई दिल्ली। सरकार टेलीविजन की तरह देश भर में ब्रॉडबैंड के जरिये इंटरनेट पहुंचाना चाहती है। इसके लिए सरकार नेशनल ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क का इस्तेमाल कर पहले चरण में ढाई लाख ग्राम पंचायतों को जोड़ेगी। इस काम में तीन साल का वक्त लगेगा। संचार व सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत सरकार का सपना देश भर में ब्रॉडबैंड की पहुंच आसान बनाना है। सरकार चाहती है कि जैसे केबल टीवी घर-घर में पहुंचा है, उसी तरह ब्रॉडबैंड भी पहुंचे।
सरकार ने इसके लिए भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) से भी नियम तैयार करने को कहा है। ब्रॉडबैंड विस्तार पर पहले चरण में 20,100 करोड़ रुपये खर्च होंगे। अपने मंत्रालय के सौ दिन के कामकाज का ब्योरा देते हुए प्रसाद ने कहा कि ब्रॉडबैंड विस्तार का काम डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत होगा। इसे राज्यों के साथ मिलकर किया जाएगा। इसके लिए सभी मुख्यमंत्रियों को पत्र भी लिखा गया है।
सरकार साढ़े तीन चार साल के भीतर मोबाइल कनेक्टिविटी से अब तक बचे हुए 44,000 गांवों में भी मोबाइल फोन की सुविधा उपलब्ध करा देगी।
इलेक्ट्रॉनिक मैन्यूफैक्चरिंग पर जोर
प्रसाद ने कहा कि देश में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के निर्माण पर जोर देने के लिए मैन्यूफैक्चरिंग क्लस्टर स्कीम शुरू की गई है। मध्य प्रदेश में ऐसे दो क्लस्टर शुरू करने की इजाजत दी जा चुकी है। जबकि ओडिशा, झारखंड, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में एक एक क्लस्टर लगाने का प्रस्ताव सैद्धांतिक तौर पर स्वीकार कर लिया गया है।
नेशनल साइबर कोऑर्डिनेशन सेंटर
सूचना प्रौद्योगिकी विभाग ने साइबर हमलों का सामना करने के लिए एक नेशनल साइबर कोऑर्डिनेशन सेंटर स्थापित करने की योजना भी बनाई है। इस पर 800 करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान है। इस केंद्र की स्थापना के बाद न केवल साइबर हमलों को रोका जा सकेगा, बल्कि दुर्भावना से प्रेरित सामग्री के प्रचार पर भी रोक लगेगी।