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नहीं सताएगी गेहूं, आलू व तेल की महंगाई

सरकार ने गेहूं और आलू पर आयात शुल्क घटाया है।

By Gunateet OjhaEdited By: Published: Fri, 23 Sep 2016 09:27 PM (IST)Updated: Fri, 23 Sep 2016 09:42 PM (IST)
नहीं सताएगी गेहूं, आलू व तेल की महंगाई

नई दिल्ली, प्रेट्र। आगामी त्योहारी सीजन में घरेलू बाजारों में खाद्य वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने और उनकी कीमत नियंत्रण में रखने के लिए केंद्र सरकार ने कमर कस ली है। इसी क्रम में सरकार ने गेहूं और आलू पर आयात शुल्क घटाया है। इसके अलावा क्रूड पाम तेल और रिफाइंड तेल पर आयात शुल्क पांच फीसद कम किया गया है।

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केंद्रीय एक्साइज व कस्टम बोर्ड (सीबीईसी) ने अधिसूचना जारी करके कहा है कि आलू पर आयात शुल्क में कटौती अक्टूबर 2016 तक लागू रहेगी। गेहूं पर आयात शुल्क में कमी फरवरी 2017 तक के लिए है। पाम तेल के आयात शुल्क में कटौती के लिए कोई अवधि तय नहीं की गई है। गेहूं और आलू की आयात शुल्क में कटौती तब तक लागू रहेगी जब तक नई फसल नहीं आ जाती। आलू की नई फसल नवंबर से आ जायेगी जबकि नया गेहूं मार्च से बाजार में आने लगता है। सरकार ने गेहूं के आयात शुल्क में कटौती पिछले फसल वर्ष 2015-16 (जुलाई-जून) के दौरान बेहतर उत्पादन के बावजूद की है। इस दौरान 935 लाख टन गेहूं का उत्पादन हुआ था।

खाद्य मंत्रालय ने गेहूं की सरकारी खरीद घटने से इसकी उपलब्धता को लेकर चिंता होने से आयात शुल्क में कटौती का प्रस्ताव किया था। सरकारी गेहूं खरीद घटकर 229 लाख टन रह गया। फ्लोर मिल संचालकों ने गेहूं पर आयात शुल्क हटाने की मांग की थी। उनका कहना था कि देश में गेहूं के उत्पादन में करीब 50 लाख टन की कमी आने का अनुमान है। रोलर फ्लोर मिलर्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की सचिव वीना शर्मा ने कहा कि आयात शुल्क कम होने से गेहूं की सप्लाई सुधरेगी और महंगाई पर अंकुश लगेगा।

देश में आलू की पैदावार कम होने की वजह से इसके आयात पर शुल्क घटाया गया है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बीते फसल वर्ष में आलू का उत्पादन नौ फीसद घटकर 437 लाख टन रह गया। इससे पहले उत्पादन 480 लाख टन रहा था।

रिफाइंड पाम तेल के आयात शुल्क में कटौती का उद्योग संगठन सॉल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने विरोध किया है। संगठन के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर बी. वी. मेहता ने कहा कि खाद्य तेल से महंगाई नहीं बढ़ रही है। फिर भी अगर महंगाई से चिंतित सरकार चाहती है तो उसे क्रूड पाम तेल पर आयात शुल्क कम करना चाहिए, न कि रिफाइंड पाम तेल पर। गौरतलब है कि रिफाइंड पाम तेल पर आयात शुल्क घटने से इसका आयात बढ़ेगा और देश में रिफाइनिंग करने वाली कंपनियों को कड़ी स्पर्धा का सामना करना पड़ेगा।

कितना घटा आयात शुल्क (शुल्क फीसद में)

जिंस ---- पहले ---- अब

गेहूं ---- 25 ---- 10

आलू --- 30 ---- 10

क्रूड पाम तेल --- 12.5 ---- 7.5

रिफाइंड तेल ---- 20 ----- 10

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