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महंगाई पर सरकार मुस्तैद, कानूनी विसंगतियां होंगी दूर

महंगाई को लेकर सरकार ने मुस्तैदी दिखाई है। सरकार जिंस बाजार की कानूनी विसंगतियों को दूर करने में जुट गई है, ताकि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके। बिचौलियों पर शिकंजा कसने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम के प्रावधानों को सख्त करेगी। कांटै्रक्ट खेती, संशोधित मंडी कानून और अंतरराज्यीय वाणिज्य व व्

By Edited By: Published: Wed, 09 Jul 2014 06:35 PM (IST)Updated: Wed, 09 Jul 2014 06:35 PM (IST)
महंगाई पर सरकार मुस्तैद, कानूनी विसंगतियां होंगी दूर

नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। महंगाई को लेकर सरकार ने मुस्तैदी दिखाई है। सरकार जिंस बाजार की कानूनी विसंगतियों को दूर करने में जुट गई है, ताकि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित हो सके। बिचौलियों पर शिकंजा कसने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम के प्रावधानों को सख्त करेगी। कांटै्रक्ट खेती, संशोधित मंडी कानून और अंतरराज्यीय वाणिज्य व व्यापार को प्रोत्साहित करेगी। खाद्यान्न प्रबंधन के साथ राशन प्रणाली को चुस्त व दुरुस्त किया जाएगा।

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संसद में पेश आर्थिक समीक्षा में महंगाई रोकने के इन उपायों का विस्तार से जिक्र किया गया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में आर्थिक समीक्षा पेश की। मानसून के कमजोर होने से देश के ज्यादातर हिस्सों में सूखे जैसे हालात हो चुके हैं। कृषि पैदावार कमी आने का गंभीर खतरा है, जिससे खाद्य वस्तुओं की महंगाई में आग लगने की आशंका है। वहीं दूसरी ओर अंतरराष्ट्रीय घटनाक्रम के चलते पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों के आसमान छूने के आसार बनने लगे हैं। इराक संकट से भारत में क्रूड आयल में मूल्य वृद्धि होने लगी है। इससे महंगाई में लगी आग के भड़कने का खतरा है।

गरीबों तक खाद्यान्न पहुंचाने वाली राशन प्रणाली को चुस्त दुरुस्त किया जाएगा। मौजूदा खाद्यान्न प्रबंधन की नीतियों में संशोधन किया जाएगा। इसका स्पष्ट जिक्र आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट में किया गया है। खुले बाजार में बिचौलियों पर शिकंजा कसने के लिए अंतरराज्यीय वाणिज्य व व्यापार के लिए एक केंद्रीय कानून बनाने पर सहमति बन सकती है। मंडी कानून की विसंगतियों को दूर करने के लिए उचित सर्वमान्य कानून बनाने पर विचार किया जाएगा।

आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जमाखोर व काला बाजारी करने वालों पर सख्ती की जा सकता है। इसके लिए सरकार आवश्यक वस्तु अधिनियम के दांत पैने करेगी। बटाई पर खेती करने वालों को कानूनी मान्यता दी जा सकती है। फल व सब्जियों की समुचित और हर समय पर्याप्त आपूर्ति बनाए रखने के लिए भंडारण प्रबंधन और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को प्रोत्साहित किया जाएगा। इसमें निजी क्षेत्र के निवेश को और बढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे।

आर्थिक समीक्षा के मुताबिक देश में खाद्यान्न की बंपर पैदावार और भारी स्टॉक के बावजूद कीमतों के बढ़ने को लेकर सरकार हैरान है। महंगाई की इस गुत्थी को समझने और सुलझाने के लिए सरकार ने छह सूत्रीय उपाय सुझाए हैं। सरकार का मानना है कि आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुधार से ही महंगाई को रोकना संभव है। इसके लिए आपूर्ति श्रृंखला की राह में आने वाली बाधाओं को दूर करने के प्रयास किए जाएंगे।

महंगाई रोकने को बने राष्ट््रीय कामन बाजार

1-मंडी कानून, आवश्यक वस्तु अधिनियम और भूमि किरायेदारी अधिनियम जैसे कानूनी प्रावधानों को सरल और सहज बनाने की पहल

2-कांट्रैक्ट खेती, वैकल्पिक मार्के टिंग के उपाय व मुक्त व्यापार के अवरोध दूर करने के साथ सीधी खरीद बिक्री की छूट

3-सामान्य वस्तु व सेवा कर के दायरे में आने वाली कृषि उपज की पुनर्समीक्षा की जाएगी

4-कृषि उत्पादों की व्यापार नीति में स्थिरता कायम रखने के लिए गैर टैरिफ ट्रेड व्यापार में टैरिफ आधारित हस्तक्षेप

5-कृषि प्रसंस्करण क्षेत्र को विकसित करने की पहल की जाएगी, ताकि यह क्षेत्र प्रतिस्पर्धी हो जाए

6-खाद्यान्न की बंपर पैदावार और भारी स्टॉक होने पर खाद्यान्न के वितरण को सुनिश्चित करने में सरकार की भूमिका

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