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Q1 में 7.1% की दर से बढ़ी जीडीपी, माइनिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टर का हाल बेहाल

वित्त वर्ष 2016-17 की पहली तिमाही में जीडीपी की ग्रोथ दर 7.1 फीसदी रही।

By MMI TeamEdited By: Published: Wed, 31 Aug 2016 05:41 PM (IST)Updated: Thu, 01 Sep 2016 08:28 AM (IST)
Q1 में 7.1% की दर से बढ़ी जीडीपी, माइनिंग और कंस्ट्रक्शन सेक्टर का हाल बेहाल

नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2016-17 की पहली तिमाही में देश में जीडीपी की ग्रोथ दर 7.1 फीसदी रही। जो बीती 6 तिमाहियों में सबसे कम है। मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इम्प्लीमेंटेशन की ओर से बुधवार को ये आंकड़ें जारी किये गए। पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ का यह आंकड़ा 7.9 फीसदी रहा था। वहीं वित्त वर्ष 2016 की पहली तिमाही में जीडीपी ग्रोथ 7.5 फीसदी रही थी। जीडीपी में गिरावट का मुख्य कारण कंस्ट्रक्शन और माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ रेट में आई गिरावट है। कंस्ट्रक्शन और माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ पहली तिमाही में सबसे कमजोर रही है। वहीं सर्विस और डिफेंस सेक्टर ग्रोथ पिछली तिमाही की तुलना में ज्यादा रही है।

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जीडीपी में हिस्सेदारी रखने वाले प्रमुख सेक्टर का हाल इस प्रकार है...

  • पहली तिमाही में एग्रीकल्चर सेक्टर की ग्रोथ रेट 1.8 फीसदी रही। यह पिछली तिमाही 2.3 फीसदी थी। जबकि पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में एग्री सेक्टर की ग्रोथ रेट 2.6 फीसदी थी।
  • मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ रेट 9.1 फीसदी रही, जो पिछली तिमाही में 9.3 फीसदी थी।
  • माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ रेट में भारी गिरावट देखने को मिली। जारी वित्त वर्ष की पहली तिमाही में माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ रेट 0.4 फीसदी पर रही, जो पिछली तिमाही में 8.6 फीसदी थी।
  • कंस्ट्रक्शन सेक्टर की ग्रोथ रेट 1.5 फीसदी रही है, जो पिछली तिमाही में 4.5 फीसदी की दर से बढ़ी थी।
  • सर्विस सेक्टर की ग्रोथ 9.6 फीसदी पर रही। जो पिछली तिमाही में 8.7 फीसदी के स्तर पर थी। सालाना आधार पर देखें तो पिछले वित्त वर्ष की इसी तिमाही में सर्विस सेक्टर की ग्रोथ रेट 8.8 फीसदी थी।
  • बिजली, गैस और पानी सप्लाई क्षेत्र की ग्रोथ रेट 9.4 फीसदी के स्तर पर रही, जो पिछली तिमाही 9.3 फीसदी के स्तर पर थी।
  • ट्रेड, होटल और ट्रांस्पोर्ट सेक्टर की ग्रोथ रेट 8.1 फीसदी पर रही। जो पिछली तिमाही में 9.9 फीसदी के स्तर पर थी।
पहली तिमाही के जीडीपी ग्रोथ आंकड़े बाजार अनुमान से कम है। रॉयटर्स की ओर से किए गए पोल में विशेषज्ञों ने जीडीपी की ग्रोथ रेट 7.6 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था। जीडीपी की ग्रोथ रेट अनुमान से कमजोर रहना सरकार के लिए चिंता की बात है।

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