पूरे देश में मोबाइल नंबर होगा पोर्टेबल
एक शहर से दूसरे शहर में ट्रांसफर हो रहा है और आप चिंतित हैं कि मोबाइल नंबर न बदल जाए। आपको इसकी चिंता करने की कोई जरूरत नहीं रहेगी। पूरे देश के स्तर पर मोबाइल नंबर पोर्टबिलिटी (एमएनपी) लागू होने का रास्ता साफ हो गया है। दूरसंचार आयोग ने बुधवार को इस बारे में एक अहम प्रस्ताव को पारित कर दिया। इससे मोबाइल
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। एक शहर से दूसरे शहर में ट्रांसफर हो रहा है और आप चिंतित हैं कि मोबाइल नंबर न बदल जाए। आपको इसकी चिंता करने की कोई जरूरत नहीं रहेगी। पूरे देश के स्तर पर मोबाइल नंबर पोर्टबिलिटी (एमएनपी) लागू होने का रास्ता साफ हो गया है। दूरसंचार आयोग ने बुधवार को इस बारे में एक अहम प्रस्ताव को पारित कर दिया। इससे मोबाइल ग्राहक एक दूरसंचार सर्किल से दूसरे में जाने और दूसरी मोबाइल कंपनी की सेवा लेने के बावजूद अपने पुराने मोबाइल नंबर को बनाए रख सकेंगे। फिलहाल यह एमएनपी सेवा सिर्फ ग्राहक के अपने सर्किल तक ही सीमित है। माना जा रहा है कि दूरसंचार विभाग (डॉट) मार्च, 2015 से इसे लागू करने का निर्देश दे सकता है।
यह फैसला संप्रग सरकार के कार्यकाल के समय से ही लंबित था। माना जाता है कि दूरसंचार कंपनियों के दबाव में तब इस फैसले को काफी लंबे समय तक टाला गया। इस तरह से राजग सरकार ने संप्रग के कार्यकाल से लंबित एक फैसले को लागू कर दिया है। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) इसे पिछले वर्ष से ही लागू करना चाह रहा था। बहरहाल, इस फैसले के बाद मोबाइल सेवा प्रदाता कंपनियों के बीच ग्राहकों को बनाए रखने का दबाव और बढ़ेगा। बहरहाल, दूरसंचार आयोग की मंजूरी के बाद अब यह प्रस्ताव दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद के पास भेजा जाएगा। सूत्रों का कहना है कि प्रसाद खुद इसे जल्द से जल्द लागू करना चाहते हैं। अभी तक एक ही सर्किल के भीतर लागू एमएनपी का फायदा उठाने के लिए 13 करोड़ ग्राहक आवेदन कर चुके हैं।
एलजी व सैमसंग के प्रमुखों से मिलेंगे प्रसाद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 'मेक इन इंडिया' कार्यक्रम को सफल बनाने में संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद भी जी जान से जुट गए हैं। इस सिलसिले में वह दुनिया की प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों एलजी व सैमसंग को भारत में और निवेश करने के लिए मनाने की कोशिश करेंगे।
प्रसाद शुक्रवार से पांच दिनों की दक्षिण कोरिया यात्रा पर जा रहे हैं, जहां उनकी मुलाकात एलजी, सैमसंग समेत कई दिग्गज कंपनियों के साथ होगी। प्रसाद का कहना है कि दुनिया की कंपनियों को भारत की नई सरकार की नीतियों के बारे में बताना जरूरी है ताकि यहां का बाजार एक बार फिर उनके राडार पर आ सके। अगर देश में इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरणों का निर्माण तेज नहीं किया गया तो इनके आयात पर कच्चे तेल से भी ज्यादा राशि खर्च होगी। यह देश की अर्थंव्यवस्था पर एक भारी दबाव होगा। अपनी यात्रा के दौरान वह दक्षिण कोरिया की कंपनियों को भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स उपकरण, स्मार्ट फोन, स्मार्ट कार्ड, बैट्री वगैरह की निर्माण फैक्ट्री लगाने के लिए आमंत्रित करेंगे।
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