जेल में बर्तन साफ कर रहे गोल्डमैन सैक्श के पूर्व निदेशक रजत गुप्ता
अमेरिका में इनसाइडर ट्रेडिंग के दोषी ठहराए गए भारतीय मूल के रजत गुप्ता को जेल में बर्तन साफ करना पड़ रहा हैं।
न्यूयॉर्क। अमेरिका में भेदिया कारोबार के दोषी ठहराए गए भारतीय मूल के रजत गुप्ता को जेल में बर्तन साफ करना पड़ रहा हैं। गुप्ता गोल्डमैन सैक्श के पूर्व निदेशक हैं। उन्हें दो साल की कैद हुई है, जो मार्च 2016 में पूरी होगी। गुप्ता को अरबपति हेज फंड संस्थापक राज राजारत्नम को भेदिया जानकारी देने के मामले में जेल की सजा सुनाई गई है।
रजत गुप्ता पर आरोप है कि गोल्डमैन सैक्स और प्रॉक्टर एंड गैंबल के बोर्ड में रहते हुए उन्होंने हेज फंड के मैनेजर राज राजरत्नम को गोपनीय सूचनाएं दी थीं। इसके बाद उन्हें अमरीका के सबसे बड़े इनसाइडर ट्रेडिंग मामले में सज़ा सुनाई गई है।
गुप्ता की जेल की जिंदगी के बारे में जेल में उनके साथ रहे डेविड मॉर्गन ने खुलासा किया है। डेविड हाल ही में ही रिहा हुआ है। गुप्ता के साथ उनके बिजनेस पार्टनर रहे राज राजरत्नम को भी 11 साल की कैद हुई है और दोनों एक ही जेल में हैं।
न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी खबर के मुताबिक, गुप्ता और राजरत्नम की दोस्ती अब पहले जितनी गहरी नहीं रही। हालांकि एक ही जेल में होने के कारण दोनों का कभी-कभार सामना हो जाता है। दोनों ज्यादा बात नहीं करते हैं।
डेविड ने बताया है कि शुरू में जेल में कोई भी गुप्ता को नहीं जानता था, लेकिन जल्द ही वे लोकप्रिय हो गए। साथी कैदी उनसे स्टॉक और निवेश के बारे में पूछते थे।
जेल में गुप्ता को दो बार सजा हो चुकी है। पहली बार- अतिरिक्त तकिया लेने पर और दूसरी बार - कैदियों की पंक्ति में खड़ा नहीं होने पर। इस पर उसे आइसोलेशन यूनिट में भेजा गया था, जिसे शू (जूता) कहा जाता है।
गुप्ता पहले अपनी जुड़वां पोतियों से मिलते थे। तब उन्हें एक खुले स्थान पर मिलने की अनुमति थी, लेकिन बाद में उन्हें दूसरे स्थान पर शिफ्ट किया गया। वहां आगंतुकों को कई दरवाजों से गुजरना पड़ता था और कैदी सलाखों के पीछे रहता है। इस नई व्यवस्था के साथ गुप्ता ने अपने पोतियों से मिलना बंद कर दिया। उसे आशंका है कि इससे बच्चियां डर जाएंगी। खबर है कि गुप्ता किताब भी लिख रहे हैं।