बंधक या शिकार नहीं, भागीदार हैं करदाता
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने निवेशकों से भारत में कम व प्रतिस्पर्धी दरों वाली आधुनिक कर प्रणाली का वादा किया है। उन्होंने विदेशी निवेशकों को भरोसा दिलाया है कि टैक्स के मामले में सरकार पिछली तारीख से प्रभावी कोई कार्रवाई नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि करदाताओं को भागीदार के तौर
वॉशिंगटन। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने निवेशकों से भारत में कम व प्रतिस्पर्धी दरों वाली आधुनिक कर प्रणाली का वादा किया है। उन्होंने विदेशी निवेशकों को भरोसा दिलाया है कि टैक्स के मामले में सरकार पिछली तारीख से प्रभावी कोई कार्रवाई नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि करदाताओं को भागीदार के तौर पर देखा जाएगा, संभावित 'बंधक या शिकार' के तौर पर नहीं।
जेटली के मुताबिक, घरेलू करदाताओं के लिए भी टैक्स दरें कम रखने की जरूरत है, क्योंकि कराधान को नागरिकों से जबरन धन लेकर उसे सरकार को सौंपने की कार्रवाई के रूप में देखा जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि कर का दायरा बड़ा होना चाहिए, ताकि हर किसी को लगे कि वह सरकार का हिस्सा है।
जेटली ने कहा कि उन्हें अच्छी तरह पता है कि खासकर बहुराष्ट्रीय कंपनी समूहों के बीच सौदों में ट्रांसफर प्राइसिंग के मामलों में पिछली तारीख से कराधान, उत्पीड़न और मनमानी को लेकर कुछ चिंता है। मगर उनकी सरकार एक पारदर्शी व भरोसेमंद कर प्रणाली के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने जोर देकर कहा, 'यह सिर्फ मंशा नहीं है, हमने इन्हें वास्तविकता में तब्दील किया है।'
कानूनी विवाद घटाने को उठाए कदम
उन्होंने बताया कि टैक्स से जुड़े कानूनी विवाद कम करने के लिए कई कदम उठाए गए हैं। कर अधिकारियों से कहा गया है कि वे नियमित तौर पर सतही अपील दायर नहीं करें। साथ ही सरकार ने हाई कोर्ट के उन आदेशों को भी चुनौती नहीं दी है, जो वोडाफोन और शेल के पक्ष में गए थे।
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