आईओसी और बीपीसीएल के लिए फ्यूल सब्सिडी की मंजूरी
फाइनैंस मिनिस्ट्री ने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आइओसी) और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन को वित्त वर्ष 2014-15 की चौथी तिमाही में लागत से कम भाव पर फ्यूल बेचने के लिए सब्सिडी का एलोकेशन कर दिया है। आइओसी को 2,932 करोड़ रुपये और बीपीसीएल को 2,291 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। लेकिन,
नई दिल्ली। फाइनैंस मिनिस्ट्री ने इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आइओसी) और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन को वित्त वर्ष 2014-15 की चौथी तिमाही में लागत से कम भाव पर फ्यूल बेचने के लिए सब्सिडी का एलोकेशन कर दिया है। आइओसी को 2,932 करोड़ रुपये और बीपीसीएल को 2,291 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। लेकिन, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम को ऐसी कोई सहायता नहीं मिलेगी।
फाइनैंस मिनिस्ट्री ने जनवरी-मार्च तिमाही के लिए 5,223 करोड़ रुपये की फ्यूल सब्सिडी की मंजूरी दी है। यह सब्सिडी दोनों सरकारी कंपनियों को घरेलू रसोई गैस (एलपीजी) और केरोसीन लागत से कम सरकारी दरों पर बेचने के कारण हुए नुकसान की भरपाई के लिए दी जाएगी।
सूत्रों ने बताया कि पिछले पेमेंट के कुछ अडजस्टमेंट के कारण एचपीसीएल को कोई सब्सिडी नहीं मिलेगी। इस तरह सरकार ने कुल मिलाकर 2014-15 में 27,308 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी। पहली तीन तिमाही में सरकार ने 22,085 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी थी।
सरकारी कंपनियों को डीजल (17 अक्टूबर तक), एलपीजी और केरोसीन लागत से कम सरकारी दरों पर बेचने से 2014-15 में 72,314 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। सूत्रों के अनुसार अपस्ट्रीम ऑयल प्रोड्यूसर ओएनजीसी, ऑयल इंडिया और गेल को चौथी तिमाही में किसी प्रकार की सब्सिडी देने से छूट दी गई है।
अपस्ट्रीम को सब्सिडी का फॉमरूला तय
पेट्रोलियम मिनिस्ट्री ने अपस्ट्रीम कंपनियों के लिए सब्सिडी का फार्मूला तय कर दिया है। यह फार्मूला अप्रैल-जून तिमाही के लिए है। सरकार की ओर से तय किए गए सब्सिडी फार्मूले के तहत यदि कच्चे तेल की कीमत 60 डॉलर प्रति बैरल तक होगी तो अपस्ट्रीम कंपनियों को सब्सिडी नहीं देनी पड़ेगी।