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इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों को मिले 10 साल तक टैक्स में छूट- नीति आयोग

नीति आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के आयात पर भारी भरकम खर्च को देखते हुए इस उद्योग को प्रोत्साहन पैकेज देने की वकालत की है।

By Rajesh KumarEdited By: Published: Sat, 04 Jun 2016 12:16 AM (IST)Updated: Sat, 04 Jun 2016 11:07 AM (IST)
इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों को मिले 10 साल तक टैक्स में छूट- नीति आयोग
इलेक्ट्रॉनिक कंपनियों को मिले 10 साल तक टैक्स में छूट- नीति आयोग

हरिकिशन शर्मा, नई दिल्ली। इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के आयात पर भारी भरकम खर्च को देखते हुए नीति आयोग ने घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग को प्रोत्साहन पैकेज देने की वकालत की है। आयोग ने इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में एक अरब डालर निवेश करने वाली और 20 हजार नौकरियां देने वाली कंपनियों को दस साल तक टैक्स में छूट देने का सुझाव दिया है। माना जा रहा है कि सरकार अगर आयोग के सुझावों पर अमल करती है तो इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों की मांग को पूरा करने के लिए न सिर्फ आयात पर निर्भरता घटेगी बल्कि भारत इस क्षेत्र में चीन को भी टक्कर दे सकेगा।

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इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में मुख्यत: कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स, इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट्स, इंडस्ट्रियल इलेक्ट्रॉनिक्स, कंप्यूटर हार्डवेयर, कम्युनिकेशन एंड ब्रॉडकास्ट उपकरण तथा सामरिक महत्व के इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद आते हैं। अभी तक इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में विदेशी निवेश भी बहुत कम आया है। सूत्रों का कहना है कि यही वजह है कि आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पानागढिय़ा ने प्रोत्साहन पैकेज देने का सुझाव दिया है।

एक अप्रैल 2000 से 30 जून 2015 के दौरान देश में कुल 258 अरब डालर एफडीआइ आया जिसमें इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग में मात्र 0.66 प्रतिशत (1.68 अरब डालर) ही एफडीआइ आया। इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग का जीडीपी में योगदान भी बहुत कम है। भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग का जीडीपी में योगदान मात्र 1.7 प्रतिशत है जबकि ताइवान में 15.5 प्रतिशत, दक्षिण कोरिया में 15 प्रतिशत और चीन के जीडीपी में 12.7 प्रतिशत है। खास बात यह है कि इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग के मामले में चीन ने 1990 के बाद भारत को तेजी से पीछे छोड़ा है। य1992 में प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों का चीन से निर्यात आठ अरब डालर तथा भारत से मात्र 30 करोड़ डालर था। फिर भी दोनों देशों के बीच अंतर इतना अधिक नहीं था। 2014 में यह अंतर इतना बढ़ गया कि चीन ने जहां 782 अरब डालर के इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का निर्यात किया वहीं भारत से यह निर्यात मात्र 8.8 अरब डालर रहा। इस बढ़ते फासले को पाटने के लिए ही आयोग ने देश में इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने को प्रोत्साहन पैकेज देने की वकालत की है।

इलेक्ट्रॉनिक उद्योग एक नजर में

-2 लाख करोड़ डालर का है दुनियाभर में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का बाजार
-6500 करोड़ डॉलर का है भारत में इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का बाजार
-32.46 अरब डालर का होता है भारत में इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर का उत्पादन
-36.9 अरब डालर के इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर का आयात करता है भारत


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