डाक विभाग को ई-कामर्स का सहारा, पार्सल से होगी 130 करोड़ की कमाई
लगातार घाटे से खस्ताहाल डाक विभाग को ई-कामर्स कंपनियों से ऑक्सीजन मिल रहा है। ई-कामर्स के कारोबार से डाक विभाग को पिछले चार महीनों में 25 करोड़ रुपये की कमाई हुई है। विभाग ने इस साल 130 करोड़ रुपये के राजस्व अर्जित करने का लक्ष्य रखा गया है। डाक विभाग
नई दिल्ली। बढ़ते घाटे से खस्ताहाल डाक विभाग को ई-कामर्स कंपनियों से ऑक्सीजन मिला है। ई-कामर्स कंपनियों के साथ कारोबार से डाक विभाग को पिछले चार महीनों में 25 करोड़ रुपये की कमाई हुई है। विभाग को उम्मीद है कि साल के अंत तक ई-कामर्स से होनेवाली कमाई बढ़कर 30 करोड़ रुपये हो जाएगी।
फिलहाल पांच ई कामर्स कंपनियों के साथ डाक विभाग का करार है। इन कंपनियों के पार्सल ग्राहकों तक पहुंचाने का जिम्मा डाक विभाग के पास है। इनमें अमेजन, यप्मे, स्नैपडील, नापतोल तथा फ्लिपकार्ट शामिल हैं। दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु तथा कोलकाता आदि प्रमुख शहरों में डाक विभाग इन कंपनियों के पार्सल पहुंचाने का कार्य कर रहा है। विभाग ने कंपनियों से सीधे समझौते किए हुए हैं तथा इन कंपनियों के मुख्यालयों में डाक विभाग ने अपने केंद्र खोल दिए हैं जहां से पार्सलों की बुकिंग होती है।
दूरसंचार मंत्री रविशंकर प्रसाद ने डाक विभाग के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक कर डाक विभाग के कामकाज की समीक्षा की। इस दौरान पत्रों को पहुंचाने की सेवा को तेज करने, पोस्टल बैंकिंग कार्य जल्द शुरू करने और ई कामर्स से जुड़े कामकाज पर चर्चा की गई।
डाक विभाग के अधिकारियों के मुताबिक कई और ई कामर्स कंपनियों से भी विभाग बात कर रहा है। छोटे शहरों एवं गांवों में भी पार्सल पहुंचाने के लिए डाक विभाग तैयार है। जल्द ही कुछ अन्य ई-कामर्स कंपनियों के साथ विभाग कुछ बड़े समझौते कर सकता है।
देश में ई-कामर्स का कारोबार बूम पर है और सालाना 35 फीसदी की रफ्तार से बढ़ रहा है। एसोचैम की रिपोर्ट के मुताबिक ई-कामर्स का कारोबार फिलहाल एक खरब रुपये से अधिक का है। अगले पांच सालों में ई-कामर्स का कारोबार बढ़कर 64 खरब रुपये से अधिक होने की उम्मीद है। जाहिर है की ई-कामर्स की इस छलांग का फायदा भारतीय डाक विभाग को भी होगा और इसके लिए अभी से तैयारियां की जा रही हैं।