जीएसटी के दायरे में आएं पेट्रोलियम पदार्थ, इंडस्ट्री ऐसा चाहती है: धर्मेंद्र प्रधान
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि इंडस्ट्री चाहती है कि पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के अंतर्गत लाया जाए ताकि इन उत्पादों के मूल्यों में एकरूपता लाई जा सके।
नई दिल्ली। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि इंडस्ट्री चाहती है कि पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के अंतर्गत लाया जाए ताकि इन उत्पादों के मूल्यों में एकरूपता लाई जा सके। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि पेट्रोलियम पदार्थों पर वस्तु एवं सेवा कर वसूलने या न वसूलने के बारे में जीएसटी परिषद ही अंतिम फैसला लेगी।
सरकार ने नहीं किया है इस पर फैसला:
धर्मेन्द्र प्रधान ने पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी के दायरे में लाने के सवाल के जवाब में कहा कि वो हां और ना, दोनों की स्थिति में हैं। यह विषय जीएसटी काउंसिल के सामने है और केंद्र व राज्यों के बीच इस पर बातचीत होगी। मौजूदा समय में जीएसटी में प्रस्ताव है कि पेट्रोलियम पदार्थों को इस टैक्स प्रणाली में शून्य कर के साथ रखा जाए। उन्होंने कहा कि उद्योग जगत के मुताबिक इन पदार्थों पर भी जीएसटी की वसूली होनी चाहिए, ताकि आगामी दिनों में देशभर में इनके मूल्य एक जैसे हो जाएं।
प्रधान ने कहा कि उद्योगपती मानते हैं कि सभी सूबों में इन पदार्थों के एक जैसे मूल्य होने से न केवल उनके कारोबार में इजाफा होगा, बल्कि राज्यों को भी इसका फायदा मिलेगा। पेट्रोलियम मंत्री प्रधान ने कहा कि इस मामले से संबंधित पक्ष जीएसटी काउंसिल के सामने अपनी बात रखेंगे कि पेट्रोलियम पदार्थों को जीएसटी में शामिल किया जाए।
राज्यों में पेट्रोल-डीजल पर कर वसूली को लेकर देशभर में बड़े अंतर के बारे में पूछे जाने पर पेट्रोलियम मंत्री ने कहा, यह राज्यों का विषय है कि वे किसी खास वस्तु पर कितना कर वसूलते हैं। हम कर वसूली को लेकर उन पर अपना कोई फैसला मढ़ नहीं सकते।