दूसरी तिमाही में घटी अर्थव्यवस्था की रफ्तार
अर्थव्यवस्था की रफ्तार को लेकर सरकार की चुनौतियां अभी बनी हुई हैं। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी होकर 5.3 फीसद पर आ गई है। पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था की विकास दर 5.7 फीसद रही थी। अलबत्ता पिछले साल की दूसरी तिमाही के मुकाबले इसमें
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। अर्थव्यवस्था की रफ्तार को लेकर सरकार की चुनौतियां अभी बनी हुई हैं। चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी होकर 5.3 फीसद पर आ गई है। पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था की विकास दर 5.7 फीसद रही थी। अलबत्ता पिछले साल की दूसरी तिमाही के मुकाबले इसमें मामूली वृद्धि दर्ज की गई है।
दूसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी रहने के अनुमान पहले से ही लगाए जा रहे थे। अर्थशास्त्री और बाजार के जानकारों को इसके पांच फीसद के आसपास रहने की उम्मीद थी। लेकिन, अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन अनुमान से बेहतर रहने के पीछे खनन, बिजली और सेवा क्षेत्र का अच्छा प्रदर्शन रहा हंै।
मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र की चुनौतियां अब भी बरकरार हैं। वहीं मानसून की बेरुखी के चलते कृषि, वानिकी और मत्स्य क्षेत्र की विकास दर 3.2 प्रतिशत रही है।
इस तरह चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही (अप्रैल-सितंबर) में विकास दर 5.5 प्रतिशत रही है जो पिछले वित्त वर्ष की पहली छमाही में 4.9 प्रतिशत की तुलना में अधिक है।
केंद्रीय सांख्यिकीय कार्यालय (सीएसओ) के अनुसार दूसरी तिमाही में खनन क्षेत्र में 1.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई जबकि पिछले साल समान तिमाही में इसमें कोई बढ़ोतरी नहीं हुई थी। वैसे चालू वित्त वर्ष के पहले छह महीनों में खनन क्षेत्र की वृद्धि दो प्रतिशत रही है जबकि वित्त वर्ष 2013-14 की पहली छमाही में खनन क्षेत्र के उत्पादन में दो प्रतिशत की कमी आई थी।
नए निवेश की कमी के चलते मैन्यूफैक्चरिंग की स्थिति अब भी चिंताजनक बनी हुई है। जुलाई-सितंबर के दौरान मैन्यूफैक्चरिंग की वृद्धि दर 0.1 प्रतिशत रही जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में यह 1.3 प्रतिशत थी। वैसे छमाही आधार पर मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र का प्रदर्शन पिछले साल की अपेक्षा कुछ बेहतर है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में मैन्यूफैक्चरिंग की वृद्धि दर 1.8 प्रतिशत है जबकि पिछले साल पहली छमाही में यह 0.1 प्रतिशत थी।
बिजली, गैस और जलापूर्ति में दूसरी तिमाही में 8.7 प्रतिशत वृद्धि हुई जबकि पिछले साल समान तिमाही में यह 7.8 प्रतिशत थी। पहली छमाही में इस क्षेत्र की वृद्धि दर 9.5 प्रतिशत है जो पिछले साल 5.8 प्रतिशत थी।
कृषि क्षेत्र की विकास दर में थोड़ी गिरावट आई है।
दूसरी तिमाही में कृषि क्षेत्र की विकास दर 3.2 प्रतिशत रही जो कि एक साल पहले पांच प्रतिशत थी। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र की विकास दर 3.5 प्रतिशत है जबकि पिछले साल समान अवधि में यह 4.5 प्रतिशत थी।
किस क्षेत्र की कितनी रही विकास दर
1. कृषि, वानिकी और मत्स्य: 3.2
2. खनन: 1.9
3. मैन्यूफैक्चरिंग: 0.1
4. बिजली, गैस और जलापूर्ति: 8.7
5. निर्माण: 4.6
6. व्यापार, होटल, परिवहन और संचार : 3.8
7. वित्त, बीमा, रीयल एस्टेट और व्यावसायिक सेवाएं : 9.5
8. सामुदायिक, सामाजिक और व्यक्तिगत सेवाएं : 9.3
[विकास दर के आंकड़े प्रतिशत में]