GST में रजिस्ट्रेशन पर 30 सितंबर को होगा फैसला
कर विभाग ने जीएसटी से जुड़े रजिस्ट्रेशन, एनवॉयस और भुगतान से जुड़े मसौदा नियम जारी कर दिए हैं।
नई दिल्ली, प्रेट्र। जीएसटी को अगले साल अप्रैल से लागू करने के लक्ष्य की तरफ बढ़ते हुए कर विभाग ने रजिस्ट्रेशन, एनवॉयस और भुगतान से जुड़े मसौदा नियम जारी कर दिए हैं। इन्हें शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल अंतिम मंजूरी देगी।
राजस्व सचिव हसमुख अढिया ने ट्वीट किया कि जीएसटी काउंसिल की 30 सितंबर को होने वाली बैठक में नियमों को मंजूरी दिलाने का इरादा है। इस काउंसिल की पहली बैठक के हफ्ते भर के भीतर मसौदा नियम जारी हो गए हैं।
केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने बुधवार तक मसौदा नियमों पर लोगों की राय मांगी है। इनमें सामान्य व्यापारियों के लिए आवेदन जमा करने के तीन दिन के भीतर ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करने का प्रावधान है। जीएसटी के दायरे में आने वाले एनआरआइ व्यापारियों को कारोबार शुरू करने से कम से कम पांच दिन पहले इलेक्ट्रॉनिक रूप से रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन जमा करना होगा। साथ ही एडवांस में पूरी कर देनदारी भी जमा करनी होगी।
कांग्रेस ने अपने मुख्यमंत्रियों को 18 फीसद GST रेट पर अड़े रहने के दिए निर्देश
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) आजादी के बाद सबसे बड़ा कर सुधार है। वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में जीएसटी काउंसिल की पहली बैठक 22 से 23 सितंबर तक दिल्ली में हुई थी। इसमें जीएसटी से छूट की सीमा 20 लाख रुपये तथा पर्वतीय व पूर्वोत्तर राज्यों के लिए 10 लाख रुपये तय करने का अहम फैसला किया गया।
मसौदा नियमों में यह भी कहा गया है कि अगर कर अधिकारी पंजीकरण आवेदन पर निर्धारित समयसीमा में कार्यवाही नहीं कर पाते हैं तो यह आवेदन अपने आप स्वीकृत मान लिया जाएगा। आवेदक को साझा पोर्टल या सुविधा केंद्र के जरिये पैन, मोबाइल नंबर, ईमेल एड्रेस जमा कराना होगा। कर अधिकारी आवेदक के ब्योरे को सत्यापित करने के लिए पैन, एक बारगी पासवर्ड और आधार नंबर का इस्तेमाल करेंगे। सभी दस्तावेजों के सही पाए जाने पर कर अधिकारी तीन कार्यदिवस में रजिस्ट्रेशन मंजूर कर देंगे। इनमें कोई गड़बड़ी मिलती है तो आवेदक से तीन कार्यदिवस के भीतर संपर्क किया जाएगा। स्पष्टीकरण मिलने के बाद सात दिन के भीतर आवेदक को रजिस्ट्रेशन दे दिया जाएगा।
बैठकों की होगी वीडियो रिकॉर्डिग
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल की सभी बैठकों की वीडियो रिकॉर्डिग होगी। यह काउंसिल ही जीएसटी के बारे में फैसला लेने वाली शीर्ष संस्था है। ऐसे में सरकार इसके फैसला लेने की प्रक्रिया को पूरी तरह पारदर्शी बनाने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए यह उपाय करने जा रही है।
सूत्रों ने कहा कि जीएसटी काउंसिल की एक बैठक में की गई चर्चा के बारे में तैयार किए गए मिनट्स को अगली बैठक में मंजूर कराना भी जरूरी होगा। हर तिमाही में कम से कम एक बार जीएसटी काउंसिल की बैठक बुलानी होगी। बैठक के लिए आधे से अधिक सदस्यों की उपस्थिति जरूरी होगी। इसमें सदस्यों की जगह राज्य का कोई अधिकारी शामिल नहीं हो सकेगा। वित्त मंत्री की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल में राज्यों के वित्त या कर विभाग के प्रभारी मंत्री बतौर सदस्य शामिल हैं। राज्य सरकारें वित्त या कर विभाग के प्रभारी मंत्री की जगह किसी अन्य मंत्री को भी इस काउंसिल में बतौर सदस्य नामित कर सकती हैं।
जागरूकता के लिए किया गठजोड़
नई दिल्ली। टैक्स कंसल्टेंसी फर्म केपीएमजी ने उद्योग चैंबर फिक्की के साथ जीएसटी पर जागरूकता अभियान के लिए हाथ मिलाया है। इसके तहत नई अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था के फायदे और चुनौतियों को रेखांकित किया जाएगा। यह राष्ट्रव्यापी अभियान 30 सितंबर को मुंबई में लांच किया जाएगा।
GST कौंसिल की पहली बैठक की वित्त मंत्री अरुण जेटली ने की अध्यक्षता