Move to Jagran APP

आर्थिक संकट: ग्रीस के पास हैं ये पांच विकल्प

आर्थिक संकट से जूझ रहे ग्रीस को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री एलिक्सिस त्सिप्रास पर कर्जदाताओं के साथ ही विपक्षी दलों का भी भारी दबाव है। कर्जदाताओं की मांग पर प्रधानमंत्री आगामी 5 जुलाई को जनमत संग्रह कराने पर राजी हो गए हैं, लेकिन और कर्ज

By Shashi Bhushan KumarEdited By: Published: Mon, 29 Jun 2015 02:52 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jun 2015 03:19 PM (IST)
आर्थिक संकट: ग्रीस के पास हैं ये पांच विकल्प

एथेंस। आर्थिक संकट से जूझ रहे ग्रीस को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रधानमंत्री एलिक्सिस त्सिप्रास पर कर्जदाताओं के साथ ही विपक्षी दलों का भी भारी दबाव है।

loksabha election banner

कर्जदाताओं की मांग पर प्रधानमंत्री आगामी 5 जुलाई को जनमत संग्रह कराने पर राजी हो गए हैं, लेकिन और कर्ज लेने की संभावना से उन्होंने इनकार कर दिया है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि ग्रीस क्या करेगा? दुनियाभर के आर्थिक और राजनीतिक विशेषज्ञ निम्न विकल्प सुझा रहे हैं -

1. क्या राष्ट्रपति दखल देंगे?
यूं तो ग्रीस में राष्ट्रपति की भूमिका औपचारिक ही होती है, लेकिन राष्ट्र संकट में हो तो वह अपनी शक्तियों का इस्तेमाल कर सकता है। यदि राष्ट्रपति इस्तीफा देते हैं तो जनमत संग्रह टल जाएगा।

हालांकि राष्ट्रपति प्रोकोपिस पावलोपोलोस के ऑफिस ने कहा है कि वे पद नहीं छोड़ेंगे। लेकिन एक बात साफ है कि यदि उनका देश यूरो जोन से बाहर आता है तो वे इस्तीफा दे देंगे।

वर्तमान सरकार के पास एक तिहाई बहुमत नहीं है। ऐसे में राष्ट्रपति इस्तीफा देते हैं तो सरकार नया राष्ट्रपति नहीं चुन पाएगी और फिर चुनाव होंगे। यानी में संकट और गहराएगा।

2. जनमत संग्रह खारिज हुआ तो?

ग्रीस में जनमत संग्रह मानने के लिए सरकार बाध्य नहीं होती। इसे महज एक 'परामर्श प्रक्रिया' माना जाता है। यदि 40 फीसदी से कम लोग जनमत संग्रह में शामिल होते हैं तो इसके परिणाम को भी खारिज कर दिया जाएगा।

3. कर्ज लेने पर विचार करेगी सरकार?

सरकार साफ कर चुकी है कि वह जनमत संग्रह का सम्मान करेगी। हालांकि सरकार लोगों से अपील कर रही है कि वे फिर से कर्ज लेने की सलाह न दें। इस पर विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार के लिए उस विकल्प पर जाना संभव नहीं होगा, जिसका वह इतना विरोध कर रही है। ऐसे में प्रधानमंत्री के पास इस्तीफा देने के अलावा कोई रास्ता नहीं होगा और देश में फिर से चुनाव होंगे।

4. क्या विपक्ष बनाएगा सरकार?

जनमत संग्रह सरकार के खिलाफ जाता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि तुरंत ही चुनाव हो जाएंगे। प्रधानमंत्री को इस्तीफा देना होगा और राष्ट्रपति विपक्षी दल को सरकार बनाने के लिए बुलाएंगे। ग्रीस के विपक्षी दल यूरो जोन के पक्ष में हैं। यानी सरकार बनती है तो वे बेलआउट के लिए कोशिश करेंगे।

5. यूरो जोन से निकलना तय?
जनमत संग्रह में लोग सरकार के साथ जाते हैं तो कर्ज देने वालों से बात करते समय सरकार में आत्मविश्वास रहेगा। यह बात और है कि मौजूदा कर्ज चुकाने की मियाद 30 जून को ही खत्म हो रही है। इस तरह औऱ आर्थिक मदद मिलने के रास्ते पूरी तरह से बंद हो जाएंगे। ऐसे में ग्रीस के पास यूरो जोन से निकलने के अलावा दूसरा चारा नहीं रह जाएगा।

बिजनेस सेक्शन की अन्य खबरों के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.